तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक सरकारी अस्पताल में ब्लैक फंगस से पीड़ित 264 मरीजों में से 30 लोगों की एक आंख की रोशनी चली गई। अस्पताल के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अस्पताल की डीन डॉक्टर एन निर्मला ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यहां भर्ती सभी लोगों की एंडोस्कोपी हुई थी, जिनमें से 110 की आंख की सर्जरी हुई। लेकिन बेहद संक्रमित 30 मरीजों की एक आंख की रोशनी चली गई।
उन्होंने बताया कि वैसे मरीज जो बीमारी के शुरुआती चरण में ही इलाज के लिए आ गए थे, उनका इलाज हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा है कि वह आंख या चेहरे में सूजन, आंखों में लाली या दांतों में दर्द को नजरअंदाज न करें। डीन डॉक्टर एन निर्मला ने कहा कि इन परेशानियों का सामना कर रहे लोगों को डॉक्टर से मिलने या अस्पताल जाने से परहेज नहीं करना चाहिए।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को लोगों से अपील की कि वे कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले कम होने और पांच जुलाई से प्रतिबंधों में ढील के बावजूद कोविड मानदंडों का पालन करना जारी रखें। रविवार को जारी चार मिनट के वीडियो में, स्टालिन ने कहा कि अगर लोग कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हैं, जैसे मास्क लगाना और एक दूसरे से दूरी बनाना आदि, तो वायरस को दूर रखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के प्रसार को नियंत्रण में लाया गया है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब एक दिन में 36,000 से अधिक मामले आ रहे थे और अब उनकी संख्या चार हजार से कम है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थान, सिनेमा हॉल, पार्क अभी नहीं खुले हैं, क्योंकि इन जगहों पर लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं।
स्टालिन ने कहा कि लॉकडाउन लगाने से लोगों की जीविका पर असर पड़ता है और उन्हें जरूरी चीजें खरीदने में दिक्कत आती है। टीकाकरण पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण एक प्रमुख औजार है और सरकार केंद्र द्वारा भेजी गई खुराकों के आधार पर लोगों का टीकाकरण कर रही है।