यूपी के उन्नाव जिले में एक अनोखी शादी सामने आई है। इस शादी में दूल्हा-दुल्हन के साथ उनका बेटा भी शामिल था। अनोखी इसलिए भी थी कि बाराती बनकर पहुंचे बेटे ने अपनी आंखों के सामने माता-पिता के सात फेरे होते देखे थे। आमतौर पर बच्चे अपने माता-पिता से सवाल करते हैं कि आप दोनों की शादी में मैं कहां था, लेकिन इस शादी में बेटे को अपने सवाल का जवाब भी मिल गया और अपनी आंखों से भी देख लिया। बेटे ने माता-पिता की शादी की सारी रस्मों को देखा। बारात धूमधाम से पहुंची थी। लड़के के नाना ने उसकी मां का कन्यादान किया। इसके बाद बारातियों को खाना खिलाया गया। रिश्तेदारों ने भी वर-वधू को उपहार और शुभकामनाएं दीं। देर रात तक इस अनोखी शादी का जश्न मनाया गया।
मामला उन्नाव जिले के गंजमुरादाबाद के बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर रूरी के रहने वाले 60 साल के नारायन और 55 साल की रामरती के बीच पिछले 15 सालों से अफेयर चल रहा है। दोनों लिवइन में रह रहे थे। बिना शादी के एक घर में साथ रहने के दौरान महिला ने 13 साल पहले एक बेटे को जन्म दिया था। दोनों ने बेटे का नाम अजय रखा। लड़के को दोनों बड़े ही लाड़-प्यार से पाला था, लेकिन रामरती और नारायन की शादी न होने की खबरें पूरे गांव में फैल चुकी थीं। बेटा अजय 13 साल का हो चुका था। चीजों को समझने और परखने भी लगा था। रामरती और नारायन की शादी न होने की खबर बेटे अजय के कानों में पड़ चुकी थी। बेटे अजय ने घर जाकर दोनों से शादी को लेकर सवाल किए। बेटे की बात सुनकर दोनों शांत हो गए कोई जवाब न दे सके।
माता-पिता की शादी न होने की खबर सुनकर बेटा काफी मायूस हो गया। माता-पिता की शादी न होने की खबर पूरे गांव में फैल चुकी थी। लोग तरह-तरह की बातें करने लगे थे। इसके बाद बेटे अजय ने माता-पिता की शादी करवाने का मन बना लिया। उसने फैसला किया और नाते-रिश्तेदारों को खबर भेज दी। घर में शादी की तैयारियां शूरू हो गईं। पंडाल सज गया था। दूल्हा बने पिता की उम्र अब 60 साल की हो चुकी थी और मम्मी बनी दुल्हन 55 साल की। आठ गाड़ियों में बाराती सवार हुए। बेटा भी दूल्हा बने पिता के साथ बारात लेकर निकल पड़ा। बैंडबाजे के बीच बारात की अगवानी की गई।
60 साल की उम्र पर पहुंचे चुके दूल्हा बने नरायन को देखकर लोग अचंभित थे। इधर शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। दुल्हन बनी 55 साल की रामरती ने नरायन संग सात फेरे लिए। इसके बाद महिला के पिता ने कन्यादान कर सभी रस्में निभाईं। माता-पिता की शादी होते बेटा भी देख रहा था। देर रात तक शादी का जश्न मनाया गया।