Malaysian Airlines MH370: मलेशियाई एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 का रहस्य आज भी अनसुझा है। हालाकि इसके लिए कई दलील दी गई पर इसका कुछ पता नहीं चल सका है। यह विमान 2014 में कुआलालंपुर से उड़ान भरने के बाद 239 लोगों के साथ रडार से गायब हो गया था।
इसके लापता होने के बाद विमानन इतिहास में सबसे बड़ी खोज शुरू की गई थी लेकिन इतने सालों के बाद भी इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया है। हालांकि, अब एक ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक विंसेंट लिन ने दावा किया है कि उन्होंने इस विमान के छिपने की सही जगह ढूंढ ली है।
विंसेंट लिन ने एक लिंक्डइन पोस्ट में कहा कि MH370 को जानबूझकर ब्रोकन रिज नामक स्थान पर, जो हिंद महासागर के गहरे हिस्से में है, 20,000 फुट की गहराई में उड़ाया गया था। लिन के अनुसार यह विमान अब महीन प्लेट की परतों के नीचे दबा हुआ है और उन्होंने इस स्थान को ‘छिपने की सही जगह’ कहा है। लिन का मानना है कि पायलट अहमद शाह ने विमान को जानबूझकर दुर्घटनाग्रस्त कर दिया ताकि इसे कभी भी ढूंढा न जा सके।
लिन ने लिखा, “बिना कोई सबूत छोड़े MH370 को गायब करना, ईंधन की कमी, हाई-स्पीड गोता लगाने से लेकर दक्षिणी हिंद महासागर में एक अविश्वसनीय परफेक्ट-डिसअपीयरिंग को अंजाम देने तक, ये एक मास्टरमाइंड पायलट ही कर सकता है।” उनका तर्क है कि ऐसा करना तभी संभव हो सकता था जब विमान का पंख लहर से टकराता और इनमारसैट द्वारा उपग्रह संचार की खोज नहीं होती।
इस खोज के पीछे लिन का एक नया लॉजिक है। जिसमें उन्होंने बताया कि विमान इंडियन ओशियन के ब्रोकन रिज की गहराई में छिपा हो सकता है, जो पानी के नीचे का एक पठार है। यह क्षेत्र भूगर्भीय रूप से बहुत अनोखा है और इसके पूर्वी छोर पर एक गहरा छेद है। लिन का मानना है कि MH370 यहीं हो सकता है और इसलिए इस क्षेत्र को सर्च ऑपरेशन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
लिन की इस नई थ्योरी ने एक बार फिर से MH370 के गायब होने के पीछे के कारणों पर बहस छेड़ दी है। विमान के गायब होने के समय से ही पायलट अहमद शाह की भूमिका को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई लोग मानते हैं कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि एक सुनियोजित घटना थी। आशंका है कि पायलट के व्यक्तिगत मुद्दों जैसे कि उसकी पत्नी के साथ कथित अलगाव ने उसे इस भयानक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया हो सकता है। इस मामले में हत्या या आत्महत्या की संभावना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
MH370 की खोज के लिए विभिन्न देशों द्वारा मिलकर कई खोज अभियानों को अंजाम दिया गया, लेकिन विमान का कोई अता-पता नहीं चल पाया। हालाकि इसके बावजूद, विमानों के टुकड़े अफ्रीका के तट पर और हिंद महासागर के अन्य हिस्सों में मिले थे। इसने इस बात की पुष्टि की कि विमान दक्षिणी हिंद महासागर में गिरा था। इसके बावजूद, विमान का मुख्य ढांचा आज तक नहीं मिला है, जिससे इसके गायब होने के पीछे के कारणों का पता नहीं चल सका है।
विंसेंट लिन का दावा एक बार फिर से इस मामले में नई रोशनी डाल सकता है। अगर उनके दावे के अनुसार विमान वास्तव में ब्रोकन रिज में है, तो यह विमानन इतिहास की सबसे बड़ी पहेली को सुलझाने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह भी संभव है कि लिन का दावा केवल एक और थ्योरी हो, जिसे साबित करने के लिए ठोस सबूतों की जरूरत है।
विमानन विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के बीच इस बात पर सहमति है कि MH370 का गायब होना एक अभूतपूर्व घटना थी और इसके पीछे की वजह जानने के लिए खोज जारी रहनी चाहिए। चाहे विंसेंट लिन की थ्योरी सही हो या नहीं, यह बात स्पष्ट है कि MH370 का रहस्य अभी तक पूरी तरह से सुलझा नहीं है और इसकी खोज में कई अनसुलझे सवाल अब भी बाकी हैं।
MH370 के गायब होने का मामला विमानन सुरक्षा और तकनीकी अनुसंधान के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस घटना ने दुनिया भर के एयरलाइनों और सुरक्षा एजेंसियों को अपने सुरक्षा मानकों और प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे उपाय किए जाएंगे जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और विमान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।