सुप्रीम कोर्ट ने लालू को दी जमानत, चारा घोटाले मामले मे लालू यादव ने ली राहत की सांस..

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव  चारा घोटाले में लालू को पांच साल की सजा सुनाई गई थी.

25 नवंबर को लालू प्रसाद ने चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दायर की थी. करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में लालू को सश्रम पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.

लालू प्रसाद ने झारखंड हाई कोर्ट के 31 अक्टूबर के उस अंतरिम फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई थी. रांची में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 30 सितंबर को चारा घोटाले में लालू प्रसाद, बिहार के ही एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, जनता दल (युनाइटेड) के सांसद जगदीश शर्मा सहित अन्य को दोषी ठहराया था.

सीबीआई के न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने तीन अक्टूबर को लालू प्रसाद को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. झारखंड उच्च न्यायालय के अंतरिम फैसले को दोषपूर्ण बताते हुए लालू प्रसाद ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि इसी मामले में उन्हीं अपराधों के लिए सह आरोपी आर. के. राणा को जमानत दे दी गई. राणा को भी लालू की ही तरह हाई कोर्ट ने पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

लालू की याचिका में कहा गया था कि राणा को पशुपालन विभाग से जुड़े एक मामले में 2009 में दोषी करार दिया गया था, तथा उन्हें भी पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई थी.

लालू ने अपनी याचिका में कहा था, ‘याचिकाकर्ता (लालू प्रसाद) के साथ जमानत दिए जाने के मामले में कुछ सह आरोपियों की अपेक्षा अलग तरीके से व्यवहार किया जा रहा है, जबकि एकसमान अपराध के लिए एकसमान साजे पाने वाले आरोपियों को जमानत दे दी गई’

लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा था. जल्द ही चुनाव लड़ने के लिए भी लालू जी योग्य हो जाएंगे. जिस भी पार्टी के लोगों ने ये षडयंत्र रचा है उनको इस फैसले से बड़ा झटका लगा होगा.’

कपिल सिब्बल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘सबकुछ कानून के मुताबिक होना चाहिए. अच्छा हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने लालू जी को जमानत दी. हम देश की सर्वोच्च कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.’

वहीं फैसले से पहले लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘नीतीश कुमार साफ छवि का दावा करते हैं, अगर ऐसा है तो उन्हें सबके सामने आकर जवाब देना चाहिए. मीडिया को नीतीश कुमार से पूछना चाहिए कि वो इस्तीफा देंगे या नह