नई दिल्ली
आईपीएल स्पॉट फिस्सिंग मामले में जस्टिस मुकुल मुदगल की रिपोर्ट पर बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में एन श्रीनिवासन को थोड़ी राहत मिलती दिख रही है। जबकि उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन को फिक्सिंग मामले में तो क्लीन चिट दी गई है, लेकिन सट्टेबाजी में उनकी भूमिका पाई गई है। इसके अलावा राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक रांज कुंदा के भी सट्टेबाजी में शामिल होने की बात कही।
श्रीनिवासन मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग में शामिल नहीं हैं। गुरुनाथ मय्प्पन सट्टेबाजी के दोषी हैं। आईपीएल सीओओ सुंदर रमन थे सट्टेबाजों के संपर्क में। राज कुंद्रा भी सट्टेबाजी के दोषी हैं। सोमवार दोपहर को जैसे ही मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट की ये बातें सार्वजनिक हुईं, आईपीएल भ्रष्टाचार के मामले में आरोपों से घिरने वाले अधिकारियों ने अपने अपने तरीके से इसके मतलब निकालने शुरु कर दिए।
लेकिन, मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि बीसीसीआई अधिकारियों के साथ श्रीनिवासन आईपीएल में एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में जानते थे जो कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन कर रहा था, लेकिन उन्होंने कोई कारवाई नहीं की।
बहरहाल, श्रीनिवासन को मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट से थोड़ी राहत महसूस हो रही होगी। लेकिन अहम सवाल ये है कि क्या बीसीसीआई आईपीएल के सीईओ सुंदर रमन के ख़िलाफ़ कोई कारवाई करेगी। आईपीएल और बीसीसीआई के सबसे ताकतवर अधिकारी को मुद्गल कमेटी ने एक सीज़न के दौरान 8 बार सट्टेबाज़ों के संपर्क में रहने की बात कही है। कमेटी ने ये भी कहा है कि गुरुनाथ मयप्पन ही चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक थे और राजस्थान रॉयल्स के मालिक राज कुंद्रा के ख़िलाफ़ भी और जांच करने की जरुरत है।