नई दिल्ली– देश के 50 करोड़ गरीबों को पांच लाख रुपये सालाना कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने के मिशन पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम यानी आयुष्मान भारत इस साल अक्टूबर से शुरू की जा सकती है. हालांकि इसको लेकर फिलहाल किसी खास तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. कैबिनेट की बैठक में सरोगेसी (रेग्युलेशन) बिल में संशोधनों को भी मंजूरी दे दी गई। यह बिल सरोगेसी को नियंत्रित करने के इरादे से लाया गया है। आयुष्मान भारत की योजना पर निगरानी रखने के लिए भी एक अथॉरिटी बनाई जाएगी। इस योजना पर केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 फीसदी खर्च करेगी।
ये होंगे फायदे
बीमा पॉलिसी के पहले दिन से मौजूद सभी शर्तों को कवर किया जाएगा। लाभार्थी को हर बार अस्पताल में दाखिल होने पर परिवहन भत्ते का भुगतान किया जाएगा। पैनल में शामिल देशभर के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल से कैशलेस लाभ की अनुमति होगी।
ऐसे होगा भुगतान
लागत को नियंत्रित करने के लिए पैकेज दर (सरकार द्वारा अग्रिम रूप में परिभाषित) के आधार पर इलाज के लिए भुगतान किया जाएगा। पैकेज दर में इलाज से संबंधित सभी लागत शामिल होगी। लाभार्थियों के लिए यह कैशलेस, पेपरलेस लेनदेन होगा। राज्य विशेष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्यों के पास इन दरों में सीमित रूप से संशोधन का लचीलापन होगा।