नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती पर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता के बिना भारत का अस्तित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता न केवल आदर्श है बल्कि बहुत जरूरी भी है।
उन्होंने ये भी कहा कि नेहरू 20वीं सदी की महान शख्सियतों में से एक थे। वो कई योग्यताओं वाले शख्स थे। वो कर्म पुरुष, पत्राचार पुरुष, पूर्व एवं पश्चिम के हमदर्द और एक प्रबल राष्ट्रवादी थे। साथ ही उन्होंने दुनिया के समक्ष भारत की व्याख्या की।
कांग्रेस अध्यक्ष का ये भी कहना है कि आदर्श की तुलना में धर्मनिरपेक्षता देर तक रहती है और भारत जैसे विविधताओं वाले देश में धर्मनिरपेक्षता बहुत जरूरी है।