पीटीआई, नई दिल्ली
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हिंदी भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता की प्रतीक है। उन्होंने कहा कि देश की सरकार और आम जनता को एक दूसरे से जोड़ने में हिंदी की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘राजभाषा समारोह’ को संबोधित करते हुए प्रणब ने शनिवार को यह विचार व्यक्त किए।
प्रणब ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में, जहां कई भाषाएं बोली जाती हैं, हिंदी को एक विशेष दर्जा प्राप्त है। राष्ट्रपति ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को हिंदी भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए पुरस्कार से सम्मनित किया। उन्होंने कहा कि सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को सफलता दिलाने के लिए उन्हें लोगों की आम भाषा में ही पेश किया जाना चाहिए। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल इस तरह किया जाना चाहिए, जिससे इन कल्याणकारी योजनाओं की सूचना और लाभ आसानी से आम आदमी तक पहुंच सके। राष्ट्रपति ने प्रसन्नता जताई कि हिंदी का प्रयोग इंटरनेट और मोबाइल पर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें हिंदी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने के प्रयास तेज करने चाहिए।