नितिन गडकरी ने कांग्रेस से मांगा समर्थन

नागपुर

महाराष्ट्र से अलग विदर्भ राज्य बनाने की भाजपा की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज इस मुद्दे पर कांग्रेस का समर्थन मांगा।

सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, भाजपा ने वादा किया था कि अगर वह महाराष्ट्र में सता में आती है तो वह अलग विदर्भ राज्य बनाएगी। पार्टी ने भुवनेश्वर में हुई अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी एक प्रस्ताव पारित किया था और इसलिए हम इस मुद्दे पर पीछे नहीं हट रहे हैं।

विदर्भ आर्थिक विकास परिषद् की तरफ से ‘विकास की राजनीति’ पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा, कांग्रेस को नए राज्य के गठन के लिए समर्थन देना चाहिए क्योंकि दो..तिहाई बहुमत (संसद में) की जरूरत है। उनके साथ मंच पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी मौजूद थे।

मंत्री ने कहा कि भाजपा हमेशा छोटे राज्यों की पक्षधर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे छोटे राज्यों की स्थापना की और जब विपक्ष में थी तो तेलंगाना के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कामकाज की शैली का बचाव करते हुए कहा कि इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है कि वह ‘तानाशाह’ हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गडकरी ने कहा कि भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए देश में कानून बदलने की जरूरत है ।

उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए हमने कुछ पहल की है.. क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों में ऑनलाइन कामकाज इस दिशा में पहला कदम है।

कार्यक्रम में चव्हाण ने कहा, महाराष्ट्र में डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और मीडिया में इसे पेश करने के कारण युवा पीढ़ी ने राज्य के चुनावों में सत्तारूढ़ दलों को हराया। उन्होंने कहा कि ‘गठबंधन सरकार की बाध्यता के कारण’ केंद्र और महाराष्ट्र में भी सरकारों ने भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ प्रभावी कदम नहीं उठाए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामलों में अभियोजन में विलंब पर भी दुख जताया और कहा कि कुछ मामलों में निर्णय होने में 18 वर्ष तक भी समय लग गया।

चव्हाण ने महाराष्ट्र की भाजपा सरकार पर स्थानीय निकाय कर (एलबीटी) को रद्द करने के चुनावी वादे से पीछे हटने के भी आरोप लगाए ।

बहरहाल गडकरी ने दावा किया कि राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आज सुबह उनसे मुलाकात की थी और आश्वासन दिया कि ‘एक महीने के अंदर एलबीटी खत्म कर दिया जाएगा।’