अंबिकापुर..
देश के चार राज्यो के विधानसभा चुनाव के नतीजो के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। लेकिन चौथे राज्य दिल्ली में सरकार बनाने के लिए ना ही किसी के पास बहुमत है और ना ही एक दूसरे को समर्थन देने का साहस । गौरततब है कि दिल्यली मे बीजेपी को 32 सीटों पर जीत मिली है तो आम आदमी पार्टी ने 28 मे जीत हासिल कर नया इतिहास रचा है।
आमल ये है कि दिल्ली मे भाजपा सबसे बडी पार्टी बनकर उभरी जरुर है लेकिन सरकार बनाने लायक बहुमत भाजपा के पास भी नही है,, इधर आम आदमी पार्टी ने किसी का समर्थन लेने और देने से साफ इनकार कर दिया है। तो बीजेपी के सीएम उम्मीदवार डॉ. हर्षवर्धन ने भी कह दिया है कि वो विपक्ष में बैठेंगे लेकिन जो-तोड़ नहीं करेंगे। ऐसे में अब अहम सवाल ये है कि क्या दिल्ली में फिर से चुनाव होगा। आखिर कैसे गड़बड़ हो गया है दिल्ली का सियासी गणित। अब आगे क्या होगा, क्या राष्ट्रपति शासन लगेगा, क्या दोबारा चुनाव होगा। मामला बेहद पेचीदा है।
दिल्ली का सियासी गणित अभी भी चरम पर है। राजधानी का हर शख्स एक ही सवाल कर रहा है। दिल्ली में कैसे बनेगी सरकार। दिल्ली में किसकी बनेगी सरकार। क्या दिल्ली में फिर चुनाव होंगे।
या फिर दिल्ली में गठबंधन सरकार बनेगी।
चुनावी नतीजों पर नजर
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से बीजेपी को 32 सीटों पर जीत मिली है। आम आदमी पार्टी ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई, और 8 सीटों पर सिमट गई। अन्य के खाते में 2 सीटें गई हैं। यानी किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है।
क्या है आंकड़ा
दिल्ली में 70 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 36 है। बीजेपी के पास 32 सीटें हैं, यानी सरकार बनाने के लिए 4 सीटों की जरूरत है। अगर अन्य के हिस्से में आए दो सीटों को मिला दें तो बीजेपी के पास 34 सीटें ही होंगी। जाहिर है 2 अन्य को मिलाकर भी बीजेपी सरकार नहीं बना पाएगी।
2 अन्य में भी एक सीट जेडीयू की है और एक सीट निर्दलीय की। फिलहाल जेडीयू जिस तरह से बीजेपी से दूरी बनाकर चल रही है, उसमें ये होता नहीं दिख रहा। एक निर्दलीय ने इस बात के संकेत जरूर दिए हैं कि वो बीजेपी से हाथ मिला सकता है। मुंडका से निर्दलीय विधायक रामवीर शौकीन का कहना है कि अगर नरेंद्र मोदी
मुझसे कहें तो मैं बीजेपी से बात करने को तैयार हूं। मैं मोदी का बहुत बड़ा समर्थक हूं। अगर मोदी मुझे दिल्ली के उप प्रधानमंत्री पद का पेशकश करें तो मैं बीजेपी में आ जाउंगा।
अगर बीजेपी को रामवीर का समर्थन मिल भी जाए तो आंकड़ा बहुमत तक नहीं पहुंचता। आप को सरकार बनाने के लिए 8 सीटों की जरूरत पड़ेगी, जो कहीं से भी मुमकिन होता नहीं दिख रहा। राजनीतिक पंडित एक कयास और लगा रहे हैं कि अगर बीजेपी और आम हाथ मिला लें तो दिल्ली में सरकार बन सकती है। लेकिन आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है, कि वो न तो किसी से समर्थन लेगी, न किसी को देगी।
आप नेताओं के सख्त रवैये को देखकर अब बीजेपी ने भी कहना शुरू कर दिया है कि वो विपक्ष में बैठने को तैयार हैं। ऐसे में अब अहम अहम सवाल ये है कि क्या दिल्ली में फिर से चुनाव होंगे। आम आदमी पार्टी ने ऐसे संकेत दिए हैं कि उसे दोबारा चुनाव से कोई ऐतराज नहीं है।