फ़टाफ़ट डेस्क. उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आज एक दर्दनाक हादसा हो गया. ग्रामीण क्षेत्र में खेत की सिंचाई करने गए पिता-पुत्र की हाईटेंशन तार के करंट की चपेट में आने से मौत हो गई. वहीँ घटना के बाद नाराज़ लोगों ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया और आंवला-बरेली मार्ग पर जाम लगा दिया. जिसके बाद प्रशासन के हस्तक्षेप के चार घंटे बाद जाम खोला गया.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आंवला-बरेली मार्ग पर 132 किलोवाट के विद्युत उपकेंद्र के पीछे सालिगराम मौर्य का खेत है. बुधवार को वह बेटे विकास उर्फ बिट्टू के साथ खेत पर सिंचाई करने गए थे. तथा बुधवार देर शाम जब वे दोनों घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी जावित्री ने अपने दामाद रामचंद्र मौर्य को खेत पर देखने के लिए भेजा. तो उन्होंने बताया कि खेत के ऊपर से हाईटेंशन समेत कई लाइनें गुजर रही हैं. जब मौर्य खेत पर पहुंचा तो देखा कि वहां पिता-पुत्र खेत में गिरे तार से करंट लगने के कारण तड़प रहे थे. उसने 132 केवीए विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचकर सप्लाई बंद करने को कहा. वहीं विद्युत् विभाग पर यह भी आरोप है कि विद्युत उपकेंद्र के स्टाफ ने कहा कि पहले लिखकर दो, तब सप्लाई बंद की जाएगी. इसी बीच पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई.
इसके बाद बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंच गए और विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंवला-बरेली मार्ग पर जाम लगा दिया. इसके बाद उप जिलाधिकारी और पुलिस ने समझाकर लोगों को शांत कराया. तब कहीं करीब चार घंटे बाद जाम खुला. उप जिलाधिकारी विशु राजा ने बताया कि सालिगराम की पत्नी जावित्री की तहरीर पर विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता समेत बिजली विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.