नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) की कलह और बढ़ गई है। अनुशासन समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाने के बाद पार्टी ने असंतुष्ट नेताओं-योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को प्रवक्ता पद से भी हटा दिया है। नए प्रवक्ताओं की लिस्ट में प्रो. आनंद कुमार का नाम भी नहीं है। इस बीच, ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नया आरोप लगा है। ताजा आरोप दिल्ली की तिमारपुर सीट से पूर्व विधायक हरीश खन्ना ने लगाया है। खन्ना का कहना है कि 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें केजरीवाल ने एक दिन के लिए बंधक बना लिया था। खन्ना ने कहा कि गाजियाबाद स्थित कौशांबी में उन्हें सुबह से लेकर शाम तक रोक कर रखा गया ताकि पार्टी के विधायकों को बीजेपी तोड़ न सके।
‘आप’ की हालत यह है कि जिन लोगों ने आप को एक पार्टी के तौर पर खड़ा किया वही चेहरे अब पार्टी को अस्तित्वविहीन करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल
अन्ना हजारे से अलग होकर केजरीवाल ने आप के रूप में पार्टी बनाई थी। इसमें केजरीवाल बहुत अहम भूमिका थी। केजरीवाल ने स्वराज, पारदर्शिता और राजनीति को बदल देने के वादों के जरिए आप को मजबूती दी। लेकिन अब उन्होंने अपनी पार्टी के चार नेताओं-प्रशांत, योगेंद्र, आनंद कुमार और अजीत झा को उनका पक्ष बिना सुने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। यही नहीं, लोकपाल की मांग को लेकर देश भर में बड़ा आंदोलन करने वाले और इसी मुद्दे पर पहली बार दिल्ली के सीएम की गद्दी छोड़ने वाले केजरीवाल ने अपनी ही पार्टी के आंतरिक लोकपाल को हटा दिया। उन पर स्टिंग में कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने और साथी नेताओं को गाली देने के आरोप भी लगे।
योगेंद्र यादव
पार्टी के संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव ने आप के राजनीतिक मसौदे को तैयार करने का काम किया था। उन्होंने मीडिया में पार्टी का पक्ष मजबूती से रखने, चुनाव की रणनीति तैयार करने, पार्टी की खूबी-खामी को सर्वे के जरिए पता करने जैसे अहम काम किए। लेकिन अब वे अपनी ही पार्टी के खिलाफ धरना दे रहें हैं और बयान जारी कर रहे हैं। केजरीवाल से मतभेदों को खबरें उनके ही जरिए मीडिया में आईं। इससे पार्टी की किरकिरी हुई।
पार्टी के संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव ने आप के राजनीतिक मसौदे को तैयार करने का काम किया था। उन्होंने मीडिया में पार्टी का पक्ष मजबूती से रखने, चुनाव की रणनीति तैयार करने, पार्टी की खूबी-खामी को सर्वे के जरिए पता करने जैसे अहम काम किए। लेकिन अब वे अपनी ही पार्टी के खिलाफ धरना दे रहें हैं और बयान जारी कर रहे हैं। केजरीवाल से मतभेदों को खबरें उनके ही जरिए मीडिया में आईं। इससे पार्टी की किरकिरी हुई।
प्रशांत भूषण
पीआईएल एक्सपर्ट प्रशांत भूषण देश के मशहूर वकील हैं। उन्होंने कोयला, 2 जी स्पेक्ट्रम जैसे घोटालों का पर्दाफाश होने में अहम भूमिका निभाई। उनके मुकदमों से बने भ्रष्टाचार विरोधी माहौल का फायदा पहले अन्ना हजारे के जन लोकपाल आंदोलन और फिर आम आदमी पार्टी को मिला। लेकिन केजरीवाल से हुए मतभेदों के चलते प्रशांत खुलकर उनका विरोध कर रहे हैं। इससे ‘आप’ को नुकसान हो रहा है।
पीआईएल एक्सपर्ट प्रशांत भूषण देश के मशहूर वकील हैं। उन्होंने कोयला, 2 जी स्पेक्ट्रम जैसे घोटालों का पर्दाफाश होने में अहम भूमिका निभाई। उनके मुकदमों से बने भ्रष्टाचार विरोधी माहौल का फायदा पहले अन्ना हजारे के जन लोकपाल आंदोलन और फिर आम आदमी पार्टी को मिला। लेकिन केजरीवाल से हुए मतभेदों के चलते प्रशांत खुलकर उनका विरोध कर रहे हैं। इससे ‘आप’ को नुकसान हो रहा है।
शांति भूषण
आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य शांति भूषण ने पार्टी को एक करोड़ रुपए का चंदा दिया था। पार्टी की स्थापना में शांति भूषण ने मार्गदर्शक के रूप में अहम काम किया था। लेकिन दिल्ली में इस साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान शांति भूषण ने केजरीवाल पर सवाल खड़ा करते हुए बीजेपी की नेता किरण बेदी को बेहतर सीएम कैंडिडेट बताया था।
आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य शांति भूषण ने पार्टी को एक करोड़ रुपए का चंदा दिया था। पार्टी की स्थापना में शांति भूषण ने मार्गदर्शक के रूप में अहम काम किया था। लेकिन दिल्ली में इस साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान शांति भूषण ने केजरीवाल पर सवाल खड़ा करते हुए बीजेपी की नेता किरण बेदी को बेहतर सीएम कैंडिडेट बताया था।