दतिया(mp) प्रदेश के दतिया के प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर में भयानक हादसा हुआ है। पुलिस के दो तरफा लाठीचार्ज और उसके बाद सिंध नदी के पुल टूटने की अफवाह से भगदड़ मची। इसकी चपेट में आने से 113 लोगों की मौत हो गई। 200 से अधिक लोग घायल हैं। कुछ लोगों की मौत दम घुटने से हुई है। जबकि ज्यादातर लोग जान बचाने के लिए नदी में कूद गए थे। नदी में शवों की तलाश जारी है। मरने वालों की संख्या 200 से अधिक हो सकती है।
गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। इसमें एसडीओपी समेत छह पुलिस वाले घायल हो गए। वर्ष 2006 में भी यहां ऐसा ही हादसा हुआ था। जिसमें 57 लोगों की मौत हुई थी।
भगदड़ – रेलिंग टूटी और नदी में जा गिरे लोग
घटना रविवार सुबह लगभग साढ़े आठ बजे की है। हादसा माता मंदिर से पहले बसई घाट के सिंध पुल पर हुआ। नवरात्र की नवमी पर जवारे चढ़ाने और माता के दर्शन के लिए एक लाख से अधिक लोग जमा था। ज्यादातर लोग दतिया और भिंड से आए थे। भीड़ की वजह से पुल पर जाम लगा था। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक जाम खुलवाने आई पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया। लोग इधर-उधर भागने लगे। इस बीच किसी ने पुल टूटने की अफवाह भी फैला दी। पुल तकरीबन पौन किमी लंबा है। भगदड़ के कारण लोग पुल के दूसरी ओर जाने लगे तो उधर खड़े पुलिस वालों ने भी लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान पुल की रेलिंग टूट गई। जिससे कुछ लोग नदी में भी जा गिरे। कुछ ने जान बचाने के लिए छलांग लगा दी।
मदद की घोषणा
शिवराज सिंह ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की है। इस बीच दतिया पहुंचे प्रदेश के मुख्य सचिव एंटोनी डिसा और पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने 89 लाशें मिलने की पुष्टि की। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री के हवाले से कहा कि घटना की न्यायिक जांच होगी।
पुलिस और प्रशासन की लापरवाही
हादसा पुलिस-प्रशासन की लापरवाही से हुआ। हर साल नवमी पर इस मंदिर में एक लाख से अधिक श्रद्धालु जुटते हैं। इसके बावजूद पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। मौके पर तैनात पुलिस वालों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों को मंदिर तक जाने दिया। इससे पुल पर जाम लग गया। भीड़ के मद्देनजर पुलिस वाले कम थे। राज्य के मौके पर पहुंचे मुख्य सचिव एंटोनी जेसी डिसा ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच होगी। भगदड़ के बाद लोगों ने भी पथराव किया। इसमें छह पुलिस वाले और एक अधिकारी घायल हुए हैं।