जम्मू कश्मीर और झारखंड में पांच चरणों में हो रहे विधानसभा चुनाव का पहला चरण आज संपन्न हो गया। घाटी में जहां 70 प्रतिशत मतदान हुआ तो वहीं दूसरी ओर नक्सल प्रभावित राज्य झारखंड में वोटिंग का आंकड़ा 62 फीसदी तक पहुंचा।
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आज 15 निर्वाचन क्षेत्रों में अलगाववादी संगठनों के बहिष्कार को धता बताते हुए और सर्द मौसम के बावजूद 70 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि अभी तक आये मतदान के आंकड़ें अंतिम नहीं हैं और कुछ स्थानों पर शाम चार बजे मतदान समाप्त होने के बाद भी वोट डाले जाने की वजह से मतदान प्रतिशत दो से तीन प्रतिशत तक बढ़ सकता है। आज यहां सर्द मौसम में सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इन 15 सीटों पर कुल 61 प्रतिशत मतदान हुआ था। इनमें छह सीट जम्मू में, पांच सीट कश्मीर घाटी में और चार सीटें लद्दाख में हैं। दिल्ली में उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। शत प्रतिशत त्रुटिहीन मतदान हुआ और चुनाव प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने वाली एक भी घटना नहीं घटी।’’
अलगाववादियों को धता बताते हुए मतदान केंद्रों पर हजारों मतदाता कतार में लगे थे। आज करीब 10.52 लाख मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार था। हुर्रियत कांफ्रेंस के सभी धड़ों और जेकेएलएफ जैसे अलगाववादी संगठनों ने चुनावों का बहिष्कार करने का आह्वान किया था।
राज्य में 15 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए आज हुए मतदान में सात मंत्री समेत कुल 123 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। कश्मीर घाटी के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से गांदरबल जिले की दो सीटों पर रिकॉर्ड 68 प्रतिशत मतदान हुआ। 2008 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है। बांदीपुरा जिले की शेष तीन सीटों पर रिकॉर्ड 70.30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया और इसमें पिछले चुनाव के मुकाबले 11 प्रतिशत इजाफा हुआ है।
जम्मू क्षेत्र की छह सीटों में से डोडा जिले की दो सीटों में 76 प्रतिशत मतदान हुआ वहीं किश्तवाड़ और रामबन जिलों की चार सीटों पर मतदान का प्रतिशत 70 रहा। डोडा जिले में मतदान में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है और रामबन जिले में करीब चार प्रतिशत मतदान वृद्धि हुई है लेकिन किश्तवाड़ जिले में मतदान में तीन प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है।
लद्दाख क्षेत्र की चार विधानसभा सीटों में मतदान प्रतिशत में कमी देखी गयी जहां सामान्यत: अधिक संख्या में मतदाता वोट डालने निकलते हैं। लेह जिले की दो सीटों में 57 फीसदी मतदान हुआ जो 2008 के विधानसभा चुनाव में हुए 61.88 प्रतिशत मतदान से कम है। इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में 68.23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। करगिल जिले में 59 फीसदी मतदाताओं ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया जबकि 2008 के चुनावों में 72.90 फीसदी लोग मतदान केंद्रों पर पहुंचे थे।
आज सुबह की ठिठुरन वाली सर्दी और कोहरे ने मतदाताओं को हतोत्साहित नहीं किया और मतदान शुरू होने के समय से करीब एक घंटे पहले ही मतदान केंद्रों पर भीड़ लगने लगी। अधिकतर मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी लंबी कतारे देखी जा सकती थीं। कश्मीर घाटी के पांच विधानसभा क्षेत्रों में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला जहां जम्मू के मुकाबले मतदान प्रतिशत कम रहता है और इसका एक कारण अलगाववादियों का चुनाव बहिष्कार भी होता है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मतदान के शुरुआती रुझान पर कहा था, ‘‘घाटी में तेजी से मतदान की खबरें उत्साहजनक हैं। चेनाब घाटी की सीटों में मतदान बढ़ने की खबर सुनकर भी खुशी हुई।’’
उन्होंने कड़ाके की सर्दी में मतदान करने निकले मतदाताओं की प्रशंसा करते हुए लोगों से बड़ी संख्या में ‘दिल से मतदान’ करने की अपील की। बांदीपुरा और सोनावरी विधानसभा क्षेत्रों में दो मतदान केंद्रों पर उग्रवादियों ने ग्रेनेड फेंके। लेकिन इन हमलों का मतदान प्रक्रिया पर कोई असर नहीं हुआ और इन हमलों में कोई घायल नहीं हुआ।
गांदरबल सीट के बरूसा इलाके में एक मतदान केंद्र पर सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस और विपक्षी पीडीपी के समर्थकों के बीच मामूली झड़प की खबर आई। एक व्यक्ति को मामूली चोट आई लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने व्यवस्था बहाल कर ली और उसके बाद मतदान सुगमता से चला।
कुछ लोगों ने जहां अपने वैचारिक जुड़ाव के आधार पर वोट डाला वहीं पहली बार मतदान करने वालों के लिए विकास और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा था।
झारखंड में पहले चरण में लगभग 62 प्रतिशत मतदान:
झारखंड विधानसभा की 81 सीटों में से पहले चरण के चुनाव के तहत आज कुल 61.92 प्रतिशत मतदान हुआ। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को नुकसान पहुंचाने की छिटपुट घटनाएं हुईं। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने यहां कहा, ‘‘(वोट) प्रतिशत बाद में अद्यतन किया जा सकता है।’’
पलामू के निर्वाचन अधिकारी के. एन. झा ने कहा कि छत्तरपुर विधानसभा सीट के बूथ नम्बर 191 और 192 पर मामूली विवाद में ईवीएम मशीनों को नुकसान पहुंचाया गया। इन दोनों बूथों पर मतदान रद्द कर दिया गया है। आयोग के सूत्रों ने बताया कि बाकी बचे माओवाद प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण रहा।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी. के. जाजोरिया ने बताया कि विधानसभा चुनावों के प्रथम चरण में आज शांतिपूर्ण ढंग से कुल 61.92 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया।
उन्होंने बताया कि राज्य में किसी भी इलाके से किसी तरह की हिंसा की बड़ी खबर नहीं मिली है। राज्य के जिन इलाकों में आज मतदान हुआ वहां के दूर दराज के इलाकों से अभी भी मतदान का विस्तृत विवरण आ रहा है जिससे मतदान का अंतिम प्रतिशत और अधिक होने की संभावना है।
पहले चरण के तहत आज जिन 13 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ उनमें चतरा (सु), गुमला (सु), बिशुनपुर (सु), लोहरदगा (सु), मनिका (सु), लातेहार (सु), पांकी और डाल्टनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर (सु), हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर शामिल हैं। जाजोरिया ने बताया कि चतरा में 53.85 प्रतिशत, गुमला में 58 प्रतिशत, बिशुनपुर में 59 प्रतिशत, लोहरदगा में 63 प्रतिशत, मनिका में 58 प्रतिशत और लातेहार में 60 प्रतिशत मतदान हुआ।
उन्होंने बताया कि इनके अलावा पांकी में 63 प्रतिशत, डाल्टनगंज में 65.27 प्रतिशत, विश्रामपुर में 62 प्रतिशत, छतरपुर में 60 प्रतिशत, हुसैनाबाद में 67.3 प्रतिशत, गढ़वा में 64.28 प्रतिशत और सर्वाधिक 69.6 प्रतिशत मतदान भवनाथपुर में रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य में पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से मतदान का कार्य संपन्न हुआ। सिर्फ छतरपुर में दो बूथों पर राजद और भाजपा कार्यकर्ताओं में टकराव के बाद वहां फिर से मतदान कराने का निर्णय किया गया है।
इससे पहले आज सुबह मतदान प्रारंभ होने से पहले ही सुरक्षा बलों ने डाल्टनगंज में हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र के हरिहरगंज में सड़क में नक्सलियों द्वारा दबायी गयी आइईडी बरामद कर एक बड़ी दुर्घटना को टालने में सफलता प्राप्त की थी।
दूसरे चरण के तहत 20 सीटों के लिए मतदान दो दिसम्बर को होगा। तीसरे चरण के तहत 17 सीटों के लिए मतदान नौ दिसम्बर, चौथे चरण के तहत 15 सीटों के लिए मतदान 14 दिसम्बर और पांचवें और अंतिम चरण के तहत 16 सीटों के लिए मतदान 20 दिसम्बर को होगा। मतगणना 23 दिसम्बर को होगी। बिहार से काटकर 15 नवम्बर 2000 को गठन के बाद झारखंड में यह तीसरा विधानसभा चुनाव है।
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