नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के चुनावों में राजनीति के एक नए अध्याय की शुरुआत की है। आम आदमी पार्टी ने 70 विधानसभा चुनाव वाली दिल्ली में कांग्रेस खेमे मे झाडू लगाकर मुख्य विपक्षी दल की भूमिका तय की है। आम आदमी पार्टी के संयोजक ने अपनी पार्टी को 27 सीट जीताने के साथ ही खुद नई दिल्ली विधानसभा सीट से दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया है। केजरीवाल की इस जीत को राजनैतिक विश्लेषक राजनैतिक इतिहास का एक नया अध्याय मान रहे है।
पिछले 15 साल से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं। वे नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीतती आई हैं लेकिन इस बार उनके खिलाफ खुद अरविंद केजरीवाल मैदान में उतरे। जब केजरीवाल ने शीला के खिलाफ नामांकन पत्र दाखिल किया तो विपक्षी पार्टियों की तरह सियासी जानकारों ने भी इसे अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा कदम बताया।
इस सीट पर बाद में बीजेपी ने भी अपने कद्दावर नेता विजेंद्र गुप्ता को मैदान में उतारा। गुप्ता ने भी अपने प्रचार के दौरान केजरीवाल को भाव न देते हुए उन्हें अगंभीर प्रत्याशी बताया और मुख्य मुकाबला शीला दीक्षित से ही बताया।
रविवार सुबह जब वोटों की गिनती शुरू हुई तो जैसे पूरी बाजी उलट गई। शीला दीक्षित केजरीवाल से पिछड़ती चली गईं और विजेंद्र गुप्ता तो फाइट में ही नहीं दिखे। हर राउंड के बाद केजरीवाल की बढ़त और ज्यादा होती गई और जब गिनती खत्म हुई तो केजरीवाल ने 26 हजार वोटों से जीत हासिल की।