प्रियंका गांधी के कांग्रेस पार्टी की महासचिव बनने की खबरें मीडिया में आते ही उनके दफ्तर ने इसका खंडन कर दिया। प्रियंका के दफ्तर की ओर से कहा गया है कि इस बारे में कोई चर्चा नहीं है। इससे पहले खबर आई थी कि प्रियंका को महासचिव बनाए जाने को लेकर कांग्रेस के अंदर बाहर चर्चा का बाजार गर्म है। रिपोर्टों के मुताबिक, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ही बहन प्रियंका को पिछले लगभग तीन महीनों से पार्टी में लाना चाह रहे हैं। वहीं, राहुल गांधी भी रविवार को छुट्टियों से दिल्ली लौट सकते हैं।
चूंकि राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है, ऐसे में वह प्रियंका को पार्टी में अहम जिम्मेदारी देना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के इस प्रयास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी गंभीरता दिखाई है।
वहीं, दूसरी ओर पार्टी राहुल गांधी की अचानक ‘गुमशुदगी’ से उठ रहे सवालों के भी जवाब देगी, क्योंकि इस मुद्दे पर मीडिया में कई हार्ड हिटिंग हेडलाइन्स बन चुकी हैं। इनमें कभी तो यह बताया जा रहा है राहुल उत्तराखंड के किसी जगह पर हैं तो कभी उनके भारत से बाहर होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, सूत्रों की मानें तो राहुल रविवार को ही दिल्ली लौटने वाले हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि वह छुट्टी की मियाद पूरी होने से पहले ही वापस आ रहे हैं।
इस संबंध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए. के. एंटनी ने रविवार को कहा कि कामकाज से छुट्टी पर चल रहे पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी बेहद मजबूत और अधिक ऊर्जावान पार्टी नेता के रूप में वापसी करेंगे। पूर्व रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी के इस कदम का बचाव किया, जिसकी चहुंओर आलोचना हुई है।
एंटनी ने संवाददाताओं से कहा, ‘राहुल गांधी लंबे समय से बिना विश्राम किए कड़ा परिश्रम कर रहे थे।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए उन्होंने छुट्टी लेने का निर्णय लिया। इंतजार कीजिए और देखते जाइए। वह पहले से ज्यादा मजबूत और ऊर्जावान नेता के रूप में वापसी करेंगे। वह और सोनिया गांधी दोनों मिलकर कांग्रेस की खोई प्रतिष्ठा को वापस दिलाएंगे।’
एंटनी का बयान इसलिए भी ज्यादा महत्व रखता है क्योंकि अतीत में राहुल गांधी उन्हें (एंटनी को) अपना राजनीतिक गुरु बता चुके हैं।