- नेपाल के रास्ते चढाई करने गए थे राहुल
- लेकिन बाद मे राहुल की टीम नेे लिया निर्णय
- चाईना तिब्बत के रास्ते चढाई करने का लिया था निर्णय
- राहुल के माता पिता और परिजनो मे उत्साह
भूकंप के झटको ने नेपाल मे भारी तबाही के साथ भारत के हिमालय से लेकर पूर्वी भारत तक काफी तबाही मचाई है,, जिसमे अब तक कई लोगो की मौत की खबर आ चुकी है,, इधर अम्बिकापुर के युवा पर्वतारोही राहुल गुप्ता भी कुछ दिनो पहले ही नेपाल के काठमांटू से चाईना के रास्ते माउण्ट एवरेस्ट की चढाई करने निकले है। नेपाल मे आज आए भूकंप के झटको ने राहुल के परिजनो की चिंता भी बढा दी थी। क्योकि घर वालो का सीधा संपर्क राहुल से नही हो पा रहा था। लिहाजा काफी मशक्कत के बाद जब शाम को राहुल के सुरक्षित होने की खबर अम्बिकापुर मे बैठे परिजनो को लगी,, तो उन्होने राहत की सांस ली।
परिजनो के मुताबिक राहुल अपने अन्य साथियो के साथ पहले नेपाल की तरफ से ही माउण्ट एवरेस्ट की चढाई करने वाले थे, लेकिन गनीमत ये थे कि टीम के सदस्यो ने एवरेस्ट की चढाई के लिए चाईन तिबब्त के रास्ते चढाई करने का फैसला किया, और जानकारी आई है कि राहुल दो दिन पहले ही उस रास्ते से अपने बेंस कैंप में पंहुच कर वंहा सुरक्षित है,, राहुल के परिजनो के मुताबिक भूकंप की खबरो मे तबाही के बाद वो काफी चिंतित थे,, लेकिन राहुल को उस रास्ते से बैस कैंप मे ले जाने वाले ट्रेवल एजेंट से मिली जानकारी के अनुसार राहुल बेस कैंप मे सुरक्षित है ,, लेकिन राहुल के सुरक्षित होने की खबर से खुश राहुल की मां अपने बेटे से बात नही कर पाने को लेकर चिंतित है।
पर्वतारोही राहुत गुप्ता छत्तीसगढ के सबसे कम उम्र के ऐसे पर्वतारोही है,, जो माउण्ट एवरेस्ट मे फतह हासिल करने गए है। जिसको जिला प्रशासन की मुखिया कलेक्टर ऋतु सैन और राज्य शासन तक का भरपूर सहयोग मिला है,, जानकारी के मुताबिक दिल्ली मे आज आयोजित नीति आयोग की बैठक से लौटकर आए मुख्यमंत्री डाँ रमन सिंह ने भी राहुल के सलामती की पुष्टी की है। बहरहाल अब राहुल के परिजनो को इंतजार है तो सिर्फ उसके दीदार का..जिससे परिजनो की आँखे भी उसकी सलामती की पुष्टी कर सकें।