प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ईस्ट एशिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमने छह माह में लुक ईस्ट पॉलिसी को एक्ट ईस्ट पॉलिसी में बदल दिया। उन्होंने कहा कि हम इस्लामिक स्टेट को लेकर ईस्ट एशिया सम्मेलन की ‘घोषणा’ का समर्थन करते हैं।
पीएम मोदी के अनुसार दुनिया में आतंकवाद की चुनौतियां और चरमपंथ का खतरा बढ़ा है और ये ड्रग्स और मनी लाउंड्रिंग से जुड़े हैं। पीएम मोदी ने साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में आपसी सहयोग का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारे लिए जुड़ाव और समृद्धि का साधन बने, न कि संघर्ष के लिए खतरा। उन्होंने कहा कि हमें धर्म और आतंकवाद को नहीं जोड़ना चाहिए। दोनों एक-दूसरे एकदम अलग हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में हमें शांति के लिए वैश्चिक मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की उपयोगिकता को रेखांकित करते हुए, इसमें भारत के योगदान की चर्चा की।
उन्होंने कहा कि अभी लाइबेरिया मे 251 भारतीय सैन्यकर्मी शांति सेना के रूप में काम कर रहे हैं, जिनमें 104 महिला हैं। हमने अफ्रीकी देशों में इबोला से निपटने के लिए 1.2 करोड़ डॉलर का अंशदान दिया है। हमें यूएन को मजबूत बनाने के लिए संयुक्त प्रयास करना होगा।
पीएम मोदी आज शाम जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना होंगे
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस के प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव, न्यूजीलैंड के पीएम जॉन के और ऑस्ट्रेलिया के पीएम टोनी एबॉट से मुलाकात की।
रूस के पीएम से मुलाकात के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश मिलकर कई क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं। इस बात का मेदवेदेव ने भी समथर्न किया। मोदी ने कहा कि रूस के साथ हमारे काफी अच्छे संबंध रहे हैं। अब तक रूस के साथ भारत की दोस्ती हर कसौटी पर खरा उतरा है। इस मौके पर मोदी ने 2001में अपनी रूस यात्रा को भी याद किया।