नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) की पूर्व अध्यक्ष अलका लांबा ने कांग्रेस छोड़ दिया और वह आम आदमी पार्टी से जुड़ सकती हैं।कांग्रेस ने इस घटनाक्रम को तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा कि पार्टी में किसी पद पर रहे या किसी चुनाव में उतरे उन्हें लंबा अर्सा हो गया है।
कांग्रेस नेता केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने संवाददाताओं से कहा, मैंने पहली बार उनका नाम सुना है। कौन हैं वह? उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस में टिकट के लिए रस्साकसी चल रही है, पार्टी (आप) जिसका आप नाम ले रहे हैं, उसने अपने सारे दरवाजे-खिड़कियां (टिकटार्थियों के लिए) खोल दिए हैं। उनका कहने का आशय था कि हो सकता है लांबा वहां इसलिए जा रही हों कि उन्हें कांग्रेस में टिकट नहीं मिला हो।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष अलका लांबा को वर्ष 2002 में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया था। वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्व सचिव और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव भी रही हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, अलका लांबा और भाजपा सहित कुछ अन्य दलों के कुछ सदस्य आज ‘आप’ नेताओं से मिलने आए थे। उन्हें यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया कि एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में किसी का भी स्वागत है।
अलका लांबा 1994 में एनएसयूआई में शामिल हुई थीं और 1995 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव जीता था। लांबा ने 2003 में दिल्ली में मोती नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के दिग्गज नेता मदनलाल खुराना के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। पार्टी के एक नेता ने बताया कि उसके बाद से किसी चुनाव में पार्टी ने उन्हें नहीं उतारा। काफी लंबे समय से वह पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं।