Raksha Bandhan And Bhai Dooj Festival In India: हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में अनेक प्रकार के पर्व मनाया जाता हैं सभी पर्व का मान्यताएं अलग अलग होती हैं। लेकिन रक्षा बंधन और भाई दूज ऐसी पर्व हैं जो भाई बहन की अटूट प्रेम को दर्शाता हैं। दोनों पर्व एक समान ही हैं इन दोनों पर्व में बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और वहीं भाई बहन के प्रति रक्षा का वचन देता है। दोनों पर्व को भाई बहन के बीच अटूट रिश्ता को बरकरार बनाए रखने के लिए पूरे देश में प्रतिवर्ष मनाया जाता हैं। देश में रक्षा बंधन की पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं तो वहीं भाई दूज कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथी को हर साल मनाया जाता हैं।
दोनों पर्व को लेकर हर व्यक्ति के मन में एक ही सवाल उठता है और वाकई में क्यों नहीं उठना चाहिए…सवाल ही जायज़ हैं…और वो सवाल हैं रक्षा बंधन और भाई दूज में क्या अंतर हैं? आइए जानते हैं इन दोनों पर्व में कुछ असमानताएं…
भाई दूज और रक्षा बंधन में अंतर-
1.धार्मिक मान्यताओं अनुसार रक्षा बंधन की शुरुआत इंद्र देव, राजा बली और भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा हुई थी। वहीं भाई दूज की शुरुआत यमराज और उनकी बहन यमुना द्वारा हुई थी।
2.यही कारण है कि रक्षा बंधन के दिन लोग राजा बली की कथा सुनते हैं और भाई दूज के दिन यमराज और यमुना की।
3.रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी यानी पवित्र धागा बांधती हैं और भाई अपनी बहनों को उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। भाई दूज पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और कई जगह इस दिन भाई को सूखा नारियल देने की भी परंपरा है।
4.आमतौर पर देखा जाता हैं कि यदि बहन विवाहित हो तो वो अपने भाई के घर जाकर रक्षा बंधन मानती है लेकिन भाई दूज में भाई अपनी बहन के घर जाकर भाई दूज मनाता है।
5.भाई दूज के दिन यमराज और यमुना नदी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन भाई और बहन यमुना नदी में स्नान करते हैं। रक्षा बंधन के दिन ऐसी कोई मान्यता नहीं है।
6.रक्षा बंधन पर बहन राखी बांधने के बाद अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं। भाई दूज पर बहनें अपने भाई को भोजन खिलाने के बाद पान खाने को देती हैं। ऐसी मान्यता है कि भाई दूज के दिन यदि बहन अपने भाई को पान खिलाती हैं तो उन्हें पुण्य मिलता है।
7.भाई दूज में आरती और टीका महत्वपूर्ण होता है जबकि रक्षा बंधन में राखी( रस्सी, धागा) बांधने का।
8.रक्षा बंधन पर भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन लेते हैं, जबकि भाई दूज में बहन अपने भाई की रक्षा करने का वचन लेती हैं।