फटाफट डेस्क. भारत की पहली महिला IAS अधिकारी का नाम अन्ना राजम मल्होत्रा है, राजम को 1951 में मद्रास राज्य में एक सिविल सेवक के रूप में नियुक्त किया गया था. वह स्वतंत्र भारत में पहली महिला IAS अधिकारी थीं. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 1982 के एशियाई गेम्स के दौरान सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया. उनमें से एक राजीव गांधी थे. उन्होंने प्रोविडेंस कॉलेज में अपनी इंटरमीडिएट शिक्षा, मालाबार क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री और मद्रास विश्वविद्यालय से साहित्य में मास्टर डिग्री पूरी की. अन्ना, पहली महिला आईएएस अधिकारी, को मेहनती कहा जाता था और उनके पास संगठनात्मक कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक विशिष्ट मानवीय तकनीक थी.
अन्ना भारत की पहली महिला सचिव भी थीं, इनका जन्म निरनम, पठानमथिट्टा में हुआ था. इतना ही नहीं, बल्कि वह सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाली दूसरी भारतीय महिला थीं. 1951 में, अन्ना राजम आईएएस में शामिल हो गईं और अपने बैच के एक सदस्य आर एन मल्होत्रा से शादी कर ली. अन्ना मल्होत्रा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी के अधीन और केंद्र में 1951-2018 तक IAS अधिकारी के रूप में काम किया.
1951 में जब अन्ना को सर्विस में जॉइनिंग मिली तो उनके अपॉइंटमेंट लेटर पर लिखा था- ‘आपकी शादी होने पर आपको निलंबित किया जा सकता है.’ लेकिन वह इससे परेशान नहीं हुईं. उन्होंने सर्विस जॉइन की और कुछ साल बाद जब नियम बदला तो उन्होंने अपने बैचमेट आरएन मल्होत्रा से शादी कर ली.
अन्ना को 1989 में पद्म भूषण पुरस्कार मिला. अन्ना के साथ कई मुश्किलें आईं. जब वह सिविल सर्विस के इंटरव्यू में पहुंची तो बोर्ड के मेंबर्स ने उन्हें इस फील्ड में न आने की सलाह दी. उन्हें कहा गया कि फॉरेन सर्विस और सेंट्रल सर्विसेज में से कोई दूसरा ऑप्शन सेलेक्ट कर लो, क्योंकि महिलाओं के लिए वही सूटेबल होता है लेकिन अन्ना अपने टारगेट पर अडिग रहीं और उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया.