यदि एक बार अपने लक्ष्य को तय कर लिया जाए एवं दृढनिश्चय के साथ उसे प्राप्त करने में जी जान से जुट जाएं तो एक दिन हम उसे जरूर प्राप्त कर सकते है।अपने टारगेट को एचिव करने के लिए अनुशासन पहली शर्त होती है। अपने साथ ईमानदार भी रहने की जरूरत होती है। किसी भी प्रयास का परिणाम तुरंत तो नहीं आता है इसलिए संयम भी जरूरी होता है। अपनी तुलना अपने से ही करने से बेहतर बन सकते है। कोशिश रहे की हम आज अपने पिछले दिन किए गए प्रयास से बेहतर करे।
पहले अपना लक्ष्य बनाएं, अच्छा होगा उसे प्राप्त करने के लिए समय सीमा भी बनाएं। लेकिन कई बार समय सीमा में लक्ष्य नहीं भी प्राप्त हो तो भी उसको छोड़ना नहीं है बल्कि उसको प्राप्त करने में तब तक जुटे रहे जब तक उसे एचिव नहीं कर लिया जाए।
शरीर का वजन 74 किग्रा से 65 किग्रा करना इतना आसान लक्ष्य तो नहीं था लेकिन असंभव भी नहीं था।लेकिन तय कर लिया कि कम करना है तो करना ही है, चाहे समय कितना भी लग जाए। वो भी अपने ड्यूटी व अन्य कार्यों को करते हुए। और बिना जिम में गए हुए।
रूटीन बनाया गया मॉर्निंग में जल्दी उठते ही खाली पेट मेथी_पानी के साथ 3 से 4 गिलास पानी पीना, फिर 1 घंटा जॉगिंग, फिर योगा, डायट भी जितना ले रहे थे उसका हर चीज आधा किया, फिर शाम में भी कम से कम 1 घंटा जॉगिंग व स्ट्रेचिंग करने का रूटीन बनाया गया। कोरोणा काल में तो एक्सरसाइज को डबल ही कर दिया गया।
ऐसे करते करते आज 25 अगस्त को मैने अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लिया है। वैसे हर कोई अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। बस इसके लिए हमको लगे रहना होगा।
• रतन लाल डांगी, आईपीएस, छत्तीसगढ़