अंबिकापुर। किशोरों व युवाओं में,आत्महत्या की बढ़ती दर , बेहद संवेदनशील और विचारणीय समस्या भारत देश में ही नहीं , पूरी दुनिया में अकेलेपन, अवसाद और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। बल्कि यूं कहना ठीक होगा कि आत्महत्या एक महामारी का रूप धरती जा रही है। लोग कई वजहों से आत्महत्या करते हैं, ऐसे में अगर उन्हें समय रहते पेशेवर सहायता मिल जाए, दोस्त-परिवार वाले उनकी मदद करें तो हम आत्महत्या के मामलों को कम कर सकते हैं।
किशोरों में बढ़ती हुई आत्महत्या की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए प्राचार्य सिस्टर शांता जोसेफ के निर्देशन में मनोविभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर ममता अवस्थी एवम सहायक प्राध्यापक दिव्या सिंह के मार्गदर्शन में होली क्रॉस वूमेंस कॉलेज अंबिकापुर में विश्व ” आत्महत्या रोकथाम सप्ताह” मनाया गया एवम इस विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
विषय विशेषज्ञ के रूप में “स्पर्श क्लीनिक” जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अंबिकापुर में पदस्थ नैदानिक मनोवैज्ञानी सुमन कुमार को आमंत्रित किया गया। उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के लिए आत्महत्या की खबर झकझोर कर रख देने वाली होती हैं। यह अत्यंत दुखदायी होता है जब आत्महत्या करने वाला उनका रिश्तेदार अथवा करीबी होता है। अक्सर आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के सम्बंध में अनेक प्रश्न दूसरों के दिमाग में आते हैं, उसने ऐसा क्यों किया होगा?
क्या उसके परिवार के सदस्य इस बात को पहले समझ नहीं पाये? ताकि उसे ऐसा करने से रोका जा सकता है। वैश्विक आंकड़े के अनुसार विश्वभर में प्रत्येक 40 सेकेण्ड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है।
सुमन कुमार ने बताया कि कैसे पहले से ही आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के संकेतों को पहचाने तथा ऐसे व्यक्ति की प्रवृत्ति को रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय करने चाहिए? उपायों के तहत उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि एक सकारात्मक शब्द हमें उसके लिए बोलना है जैसे- मैं हूँ तुम्हारे साथ, या मैं हूँ ना और हमकों उसकी सारी बातें सुनना है। इस प्रकार उसे विश्वास में ले कर हम उसकी विचारधारा को आसानी से परिवर्तित कर सकते है।
कार्यक्रम में उपस्थित MSW विभाग की समस्त प्राध्यापिकाओं अल्मा मिंज, प्रेरणा लकडा,अंजना ने भी छात्राओ को संबोधित किया।