बिलासपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन का सबसे ज्यादा साइड इफेक्ट प्रवासी मजदूरों पर पड़ता दिख रहा है. महाराष्ट्र के नागपुर से झारखंड में अपने घर के लिए जा रहे एक मजदूर की मौत छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में तबीयत बिगड़ने से हो गई है. मृतक अपने 8 साथियों के साथ पैदल ही नागपुर से झारखंड के लिए निकला था. तबीयत बिगड़ने पर सभी को बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान एक की मौत हो गई. मृतक का अंतिम संस्कार सिम्स प्रबंधन ने ही किया.
बिलासपुर सिम्स की मीडिया प्रभारी आरती पांडेय ने एक निजी चैनल को बताया कि 3 मई की देर रात 108 एंबुलेंस से झारखंड 8 प्रवासी मजदूरों को यहां लाया गया था. इनमें से एक मजदूर रवि मुंडा की तबीयत ज्यादा खराब थी. 4 मई की सुबह करीब 7 बजे इलाज के दौरान ही रवि की मौत हो गई. जांच में पता चला कि उसके कई ऑर्गन काम करना बंद कर दिए थे. इसके बाद झारखंड के सराईकेला निवासी उनके परिवार वालों को सूचना दी गई, लेकिन कोई भी शव लेने नहीं आया. इतना ही नहीं परिवार वालों ने शव के अंतिम संस्कार की अनुमति भी दे दी थी.
आरती पांडेय ने बताया कि बाकि 7 मजदूरों की तबीयत ठीक होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. मृतक रवि के परिवार वाले शव लेने नहीं पहुंचे. इसके बाद पहल संस्था की मदद से 6 मई को उनका अंतिम संस्कार किया गया. बगैर पोस्टमार्टम अंतिम संस्कार के सवाल पर आरती कहती हैं कि पोस्टमार्टम के लिए एक प्रोटोकॉल होता है. इस केस में प्रबंधन को ऐसा नहीं लगा. हमने सभी 8 मरीजों का कोरोना संक्रमण का कोविड-19 टेस्ट भी कराया था. सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई. मृतक की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया गया.