टारगेटेड इनटर वैंसन संस्था ने किया खुलासा
अम्बिकापुर(दीपक सराठे)
सरगुजा जैसे आदिवासी अंचल में देह व्यापार किस कदर अपना व्यापक रूप लेता जा रहा है। इसका खुलासा एड्स को लेकर हाई रिस्क लोगों की पहचान करने वाली शासन से मान्यता प्राप्त संस्था टारगेटेड़ इनटर वैंसन (लक्ष्यगत हस्तक्षेप) ने किया है। इस संस्था के अनुसार सरगुजा में 884 महिला सेक्स वर्कर वर्तमान में एक्टिव है। जिनका चिहांकन संस्था के द्वारा किया गया है। इसके अलावा मेल सेक्स वर्कर की संख्या 84 है, जो देह व्यापार के क्षेत्र में अपनी भूमिका अदा करते है। संस्था के अनुसार ये मेल सेक्स वर्कर दलाल के रूप में रहते है। यहीं नहीं एड्स के फैलने में हाई रिक्स के रूप में ट्रांस जेन्डर लोगों की भी भूमिका देखने मिल रही है। वर्तमान में ऐसे लोग सरगुजा में तीन पहचान किये गये है। संस्था के द्वारा इस खुलासे के बाद सरगुजा में देह व्यापार की स्थिति खुद ब खुद सामने आ जाती है। संस्था द्वारा न सिर्फ ऐसे लोगों को चिन्हाकित गया है, बल्कि हर तीन माह व छः माह में इन्हे जांच के लिए जिला चिकित्सालय भेजा जाता है। संस्था का यह भी दावा है कि महिला सेक्स वर्करों में कई एड्स पीडि़त है, परंतु उनका आंकड़ा सामने नहीं आ सका है। सीतापुर क्षेत्र में तीन लोगों के एचआईवी पीडि़त होने की बात संस्था ने बताई है। एड्स को फैलने से रोकने के उद्देष्य से काम कर रही यह संस्था छत्तीसगढ़ में 42 स्थानों पर है। सरगुजा में सेक्स वर्करों की पहचान कर उन्हे जागरूक करने व एड्स की जानकारी के साथ-साथ उसकी रोकथाम के लिए प्रेरित करने संस्था के 15 कर्मचारी जमीनी स्तर पर काम कर रहे है। वहीं कार्यालय में 7 लोगों का स्टाफ है। संस्था ने यह भी खुलासा किया कि महिला सेक्स वर्कर पैसे के लिए इस काम को करती है। सरगुजा में निम्न परिवार के अलावा कुछ बड़े परिवार के लोग भी देह व्यापार करने का काम करते चिन्हाकित किये गये है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों एआरटी सेन्टर के द्वारा किये गये एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि एड्स पीडि़त लोगों के मन में यह धारणा बनी है कि जब हमे यह बीमारी लगी है तो दूसरा खुष क्यों रहे। इस धारणा के सामने आने के बाद सरगुजा में एड्स वायरस के फैलने का खतरा आज भी बना हुआ है। लक्ष्यगत हस्तक्षेप संस्था के द्वारा एड्स को लेकर किया जा रहा जागरूकता का कार्यक्रम भी लोगों की इस धारणा को बदलने का काम कर रहा है।
शहरी क्षेत्र में ज्यादा
संस्था के अनुसार अम्बिकापुर के मायापुर, गंगापुर, सत्तीपारा, खालपारा, नवापारा में ज्यादा सेक्स वर्कर की संख्या दर्ज की गई है। सरगुजा के अन्य क्षेत्रों के अलावा शहरी क्षेत्र में इनकी संख्या ज्यादा है। संस्था की नजर इन पर हमेषा रहती है।
सरगुजा संभाग में 756 पीडित
एआरटी सेन्टर के नोड़ल अधिकारी डाॅ. उत्तम सिंह के अनुसार सरगुजा संभाग में 756 एचआईवी एड्स पीडि़त मरीज वर्तमान में है। जिनमें सरगुजा जैसे आदिवासी अंचल में इनकी संख्या 484 है। पिछले तीन साल में सरगुजा संभाग मेें एचआईवी एड्स से 18 लोगों की मौत हो चुकी है।
जागरूकता लाना हमारा काम
टारगेटेड़ इनटर वैंसन संस्था के प्रोग्राम मैनेजर संदीप बेग ने कहा कि हमारे द्वारा जितने भी हाई रिस्क लोगों का चिन्हाकन किया गया है। उनकों एड्स से बचाव के प्रति जागरूक करना व एड्स की जानकारी के साथ-साथ उसके रोकथाम के लिए प्रेरित करना हमारे संस्था का काम है। हम उन्हे उनके काम से रोक नहीं सकते है। उन्हे किसी प्रकार की कोई बीमारी न लगे इसके लिए हर तीन व छः माह में उनकी जांच जिला अस्पताल में करवाई जाती है।