अम्बिकापुऱ
सूर्य की उपासना का पवित्र सूर्यषष्ठी महापर्व छठ पूरे जिले में धूमधाम से मनाया गया। उदयगामी सूर्य देव को अध्र्य देने व्रती श्रद्धालुओं का सैलाब षंकरघाट केनाबांध के मैरिन ड्राइव तालाबों व मंदिरों में उमड़ पड़ा। जिले में इस महापर्व को मनाने रात्रि से सुबह तक श्रद्धालुु घाटों एवं मंदिरों में जसगीत गा डटे रहे। व्रतियों ने नदी तालाब के किनारे उदयगामी सूर्य देव को अध्र्य देकर सुख समृद्धि की कामना की। प्रकृति स्वामी के अनोखे महापर्व पर आज नगर समेत पुरा जिला उपासना में लीन रहा। उपासकों की भीड़ को देखते हुये जिला प्रषासन द्वारा यातायात कि विषेष व्यवस्था कि गई थी फिर भी उपासकों की भीड़ षाम एवं सुबह को सड़कों पर उतर आई। जिससे षहर की सड़को पर कई जगह जाम की स्थिति बनी रही। इस अवसर पर विभिन्न समितियों द्वारा पंडाल व रोषनी की व्यवस्था की गई थी। दर्रीपारा महामाया मंदिर, मेरिन ड्राइव में भी हजारों की संख्या में व्रतियों ने उदयगामी सूर्य को अध्र्य देकर अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की।
रोशनी से जगमगाया शंकरघाट
षंकरघाट में छठ हेतु मां महामाया सेवा समिति द्वारा व्यापक तैयारियां की गई थी। व्रतियों के लिए पंडाल सहित अलाव की भी व्यवस्था की गई थी, षाम होते ही नदी के चारों तरफ घाटों पर समिति ने दीपक प्रज्जवलित कर रोषनी किया गया, जिससे रात होते-होते वृहंगम दृष्य हो गया। प्रातः में सेवा समिति द्वारा जगह जगह अलाव लगा दिया गया था जिससे श्रद्धालुओं को भारी ठंड में भी किसी भी प्रकार की समस्या महसूस नहीं हुई।
घुनघुटा भी पहुंचे व्रती
षहर के आसपास के जलाषयों में उपासकों की भारी भीड़ से बचने नगर के कई श्रद्धालु अध्र्य देने षहर से 15 किमी. दूर घुनघुटा जलाषय पहुंचे। घुनघुटा के खर्रा नदी पर ष्याम सेवा समिति ग्राम सोहगा में व्यापक व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष घुनघुटा में श्रद्धालुओं की व्यापक भीड़ देखी गई।
संभाग भर में छठ पूजा की रही धूम
सरगुजा संभाग के रामानुजगंज, बलरामपुर, राजपुर, कुसमी, लुण्ड्रा, सीतापुर, लखनपुर, उदयपुर, सूरजपुर, जरही, भटगांव, वाड्रफनगर, प्रतापपुर, विश्रामपुर सहित संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में छठ पर्व को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया। नगर के समीप सोहगा-करजी के खर्रा नदी में छठ पर्व का भव्य रूप दिखा।
छठ घाटों पर श्रद्धालुओं के लिये भजन संध्या का आयोजन
शंकरघाट में महामाया समिति द्वारा मंगलवार की शाम से बुधवार की सुबह तक भजन संध्या का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु शाम को अध्र्य देने के बाद घाट पर ही रूकते हैं। यहां झारखण्ड के गढ़वा जिले के भोजपुरी के कलाकारों का भजन संध्या कार्यक्रम आयोजित किया गया।इसमें शामिल कलाकारों की मधुर छठगीतों की प्रस्तुति से पूरा इलाका भक्ति मय हो गया। मंगलवार की शाम डूबते सूर्य की पूजा-अर्चना के साथ ही छठ घाटों पर भजन कार्यक्रम प्रारंभ हो गये थे जो कि रात भर चले। सभी घाटों पर समितियों द्वारा छठव्रतियों के लिये रात में ठहरने की व्यवस्था की गई थी। शंकरघाट में महामाया सेवा समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रात भर विभिन्न कलाकारों द्वारा भक्तिगीतों की प्रस्तुति दी गई। यहां पूरी रात श्रद्धालु भक्ति गीतों पर झुमते रहे।
शहर में जगह-जगह छठ घाटों पर दीपावली सी आतिशबाजी
श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह छठ घाटों पर जमकर आतिशबाजी की गई, जिससे आज सुबह नगर के सभी छठ घाटों पर दीपावली सा माहौल निर्मित हो गया और यह आतिशबाजी का यह सिलसिला सूर्योदय के बाद छठ घाट से व्रतियों के घरों तक चलता रहा। अध्र्य के बाद व्रती बाजे-गाजे के साथ घर लौटे, जहां व्रतियों से आसपास के लोगों के साथ परिजनों ने मिलकर उन्हें शुभकामनायें दी।
छठ घाट के साथ-साथ शहर भर में सुरक्षा रही चाक-चौबंद
छठ पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुये पुलिस द्वारा इस बार छठ घाट के साथ-साथ नगर के मुख्य मार्गों में भी चाक-चैबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस विभाग द्वारा विशेष इंतजाम किये गये थे। घाटों के आसपास गोताखोरों की अलग से तैनाती की गई थी। छठ घाट एवं मुख्य मार्गो के किनारे पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। निगम प्रशासन, जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ यातायात विभाग के जवान भी पूरी रात मुस्तैदी से सुरक्षा व व्यवस्था बनाने में नजर आये।