बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले में जबसे भाजपा कार्यकारणी की घोषणा हुई है..उसके बाद से अंतर्कलह खुलकर सामने आ गयी है..दो विधानसभा क्षेत्रों वाले इस जिले में हाल ही के दिनों में भाजपा ने जिलाध्यक्ष के नाम का ऐलान किया था..और जिलाध्यक्ष ने सप्ताहभर पहले अपनी कार्यकारणी का गठन किया है..लेकिन अब उसी कार्यकारणी की वजह से पार्टी में घमासान मच गया है..मगर दिलचस्प तो यह है..की जिस पूर्व संसदीय सचिव ने कार्यकारणी घोषणा के बाद सभी पदाधिकारियों को शोसल मीडिया पर पोस्ट करके बधाई दी थी..अब वे ही खुलकर अपने ही पार्टी के नेताओ का नाम लिए बगैर उनकी शह से जिलाध्यक्ष पर मनमानी करने का आरोप लगा रहे है..जो कि समझ से परे है..
दरअसल भाजपा प्रदेश अनुसूचित जाति,जनजाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष है..पूर्व ससंदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा और उन्होंने ही 5 सितम्बर को जिले के शंकरगढ़ में आयोजित अपने जन्मदिन समारोह में भाजपा के ही नेताओ का नाम लिए बगैर उनके इशारे पर मनमानी पूर्ण ढंग से कार्यकारणी गठन करने का आरोप नवनियुक्त पार्टी जिलाध्यक्ष के सर मढ़ दिया है..पूर्व संसदीय सचिव ने तो यहाँ तक कह दिया कि..जब से जिला बना है..पार्टी जिले की दोनों ही सीटों को हारते आ रही है.. काम करने वाले कार्यकर्ताओ को कार्यकारणी में जगह नही दी गई है..ऐसे में गद्दारो को सामने लाना चाहिए..जाहिर सी बात है..पार्टी के कद्दावर नेता का इस कदर खुलेआम अपनी नाराजगी बयां करना ठीक नही है..मगर दिलचस्प तो यह है..की उन्होंने ही शोसल मीडिया पर कार्यकारणी गठन के बाद पार्टी के नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी थी..और अब अचानक से क्या हो गया की..उन्हें अपने मन की बात को सार्वजनिक करना पड़ गया..यह संकेत पार्टी के लिए अच्छे नही दिख रहे..खासकर जब पार्टी विपक्ष में है..
बहरहाल भाजपा एक अनुशासित राजनैतिक पार्टी है..आपसी खींचतान और उठा पटक तो चलते रहता है..मगर पार्टी के अंदरखाने से अंतर्कलह के स्वर कम ही निकलकर बाहर आते है.और फिर संगठन का डंडा भी चलता है..इसबार किसकी बारी है..यह देखने व समझने वाली बात है..