- जिला मुख्यालय में खुले आम सुप्रीमकोर्ट के आदेशो का हुआ उलंघन
- पाबंदी के बावजूद रात भर नगर में बजता रहा डीजे
- तमासबीन बने रहे जिले के कलेक्टर एसडीएम तहसीलदार सहित पुलिस प्रशासन
बालोद (एस.के.साहू) _जिला मुख्यालय बालोद में बीती रात नगर के तीन अलग अलग हिस्सों में तेज आवाज से डीजे बजता रहा, जिससे जिले के आम नागरिक तो परेशान थे लेकिन जिले के आला अधिकारी चैन की नींद सोते रहे, ऐसा नहीं कि किसी अधिकारी को इसके बारे में जानकारी नहीं थी बल्कि जानकारी के बाद सिर्फ कार्यवाही कराने के आश्वासन देने में रात बीत गई और किसी पर न कार्यवाही हुई ना ही डीजे को बंद कराया गया जबकि पुरे मामले की जानकारी सबसे पहले हमारे संवाददाता ने कलेक्टर को व्हात्सप्प के माध्यम से रात को 10 बजकर 20 मिनट पर दिया गया जिस पर कलेक्टर ने किन जगहों पर डीजे चल रही इसकी जानकारी पूछने पर उन्हें नगर के अलग अलग हिस्सों में चल रहे डीजे की जानकारी दी गई जिस पर उन्होंने कार्यवाही कराने का आश्वाशन दिया लेकिन एक घंटे तक जब कोई कार्यवाहि नही हुई तो पुनः बालोद कलेक्टर को सूचित किया गया तब उन्होंने मेसेज के जरिये बताया कि तहसीलदार अभी पहुँच रहा है बावजूद इसके डीजे बंद नहीं हुई और पूरी रात नगर के तीन जगहों पर डीजे गूंजता रहा और जिले के अधिकारी झूठी आश्वासन देकर रात भर कुंभकरणीय नींद में सोते रहे तो वहीँ बालोद एसडीएम हरेश मंडावी भी रात को कार्यवाही करने का आश्वासन दिए अंततः सभी अधिकारियो का आश्वाशन झूठा निकला
मामले की जानकारी लेंने जब सुबह सबसे पहले बालोद तहसीलदार ए आर राणा को पूछने पर बताये कि एसडीएम सर के फोन के बाद बालोद विधायक का फोन आया था की गंगासागर के पास जो डीजे चल रहा था उसे बंद करने जिसके बाद हम लोगो ने वहां पहुंचकर डीजे को बंद कराये। लेकिन शहर अन्य हिस्सों में भी डीजे चलने की बात कहे तो सदर रोड में जो डीजे चल रहा था उसके पीछे खुद पुलिस की गाड़ी पेट्रोलिंग कर रही थी पुलिस चाहती तो खुद भी बंद करा सकती थी। लेकिन एसा कुछ भी नहीं हुआ खुले आम रात भर कोर्ट के आदेशो की धज्जिया लोग उड़ाते रहे और जिला प्रशासन तमाशबीन बना रहा।
जबकि बालोद एसडीएम हरेश मंडावी कि माने तो उन्होंने रात को तहसीलदार को संचालित डीजे बंद कराने के लिए निर्देशित किये थे तथा थाना प्रभारी को भी फोन के माध्यम से डीजे बंद कराने को कहा गया था जिस पर तहसीलदार ने शीतल पैलेस में चल रहे डीजे को बंद कराया ,लेकिन थाना प्रभारी को भी थाने के सामने बज रही डीजे को बंद कराना था क्योंकि सुप्रेम कोर्ट का नियम है इस पर वे भी कार्यवाही कर सकते है तो वहीँ बालोद एसडीएम ने आगे इस मामले में डीजे संचालको के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्यवाही करने की भी बात कही
बालोद थाना प्रभारी कि माने तो रात को करीब साढ़े 11 बजे डीजे बंद कराने के संबंध में एसडीएम का फ़ोन आया था लेकिन मैंने उनको बता दिया था की कोई एक अतिरिक्त कार्यपालन दंडाधिकारी को भेज दीजिये तो मैं कार्यवाही कर दूंगा और रात ढाई बजे तक हमने इन्तजार किया लेकिन कोई अधिकारी नहीं आया जिसके चलते हम लोगो ने कार्यवाही नही किये बालोद टी आई से पूछने पर की कोर्ट के नियम के आधार आप कार्यवाही नही किये लेकिन डीजे को क्यों बंद नही करा पाए बल्कि उनके पीछे आप लोग लगातार पेट्रोलिंग भी कर रहे थे जिस पर बालोद टी आई ने कहा की पेट्रोलिंग भीड़ के वजह से किया जा रहा था लेकिन कार्यवाही के लिए राजस्व की टीम का इन्जार कर रहे थे। हम यदि कार्यवाही करते तो माहौल बिगड़ सकता था यदि राजस्व की टीम रहती तो हम कार्यवाही कर सकते थे। बहरहाला मामले में सभी एक दूसरे पर उलाहना दे कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखे।
दरअसल पूरे मामले में फिर एक बार बालोद जिला प्रशासन तथा पुलिस का दोहरा चेहरा सामने आया जब एक ओर शीतल पैलेस में घरेलू कार्यक्रम में विधायक के शिकायत पर कार्यवाही हो सकती है तो क्या धार्मिक आयोजनों के नाम पर कोर्ट के आदेशो का उलंघन करने वालो पर कार्यवाही क्यों नही कर पाई प्रशासन आखिर रात भर जिला प्रशासन के अधिकारी और बालोद पुलिस एक दुसरे का मुंह तांकते रहे और खुले आम नगर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उलंघन करते हुए रात तीन बजे तक डीजे बजता रहा।