Jain Muni Acharya Vidyasagar Maharaj passes away: प्रख्यात जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज की रविवार सुबह छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थ में मृत्यु हो गई। उन्होंने 77 साल की आयु में अंतिम सांस ली। आचार्य विद्यासागर महाराज की निधन के बाद राज सरकार ने आधे दिन के लिए राजकीय शोक दिवस घोषित कर दिया हैं। राजकीय शोक दिवस के समय सीमा में सभी शासकीय भवनों में तिरंगा झंडा आधे झुके रहेंगे। इसके अलावा शासकीय स्तर पर किसी प्रकार की सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा।
कौन थे आचार्य विद्यासागर महाराज –
विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक के बेलगाम जिले में कन्नड़ बोलने वाले जैन परिवार में हुआ था। जिस घर में उनका जन्म हुआ था अब वह एक मंदिर और संग्रहालय बन चुका हैं। उनके बचपन का नाम विद्यासागर था। साल 1968 में 22 साल की उम्र में उन्होंने दिगंबर साधु के रूप में शुरुआत की थी। उनके छोटे भाई योगसागर महाराज और समयसागर महाराज ने ब्रह्मचर्य व्रत ले लिया था और बाद में मुनि बन गए थे। उन्हें आचार्य की उपाधि साल 1972 में मिली थी।
आपको बता दें कि, आचार्य नमक, चीनी, दूध, घी, तेल और जैन धर्म में पारंपरिक रूप से प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों जैसे आलू व प्याज आदि का सेवन नहीं करते हैं। वह एक समय भोजन करते थे और जमीन पर या लकड़ी के तख्त पर बिना गद्दा या तकिया के सोया करते थे।