अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला मुख्यालय से लगे गांव के आदिवासी परिवार इन दिनों आबकारी विभाग की गुंडागर्दी और अवैध वसूली की दहशत में रहने को मजबूर है. अम्बिकापुर में आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली के रोज नई नई कहानी सामने आ रही है. महुआ शराब पकड़ने के नाम पर आबकारी विभाग के अधिकारी किसी भी आदिवासी परिवार में बिना अनुमति घुस कर गुंडागर्दी कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला आज सोमवार को शहर के मठपारा में देखने को मिला. जहां एक आबकारी सब इंस्पेक्टर एक आदिवासी परिवार में गए. और महुआ शराब बनाने के एवज में 10 हजार की मांग करने लगे. जिसका स्थानीय लोगो ने विरोध किया. तो आबकारी की टीम मौके से भागने लगी. लेकिन फिर कुछ जागरूक लोगो ने अधिकारियों की क्लास ली और उगाही करने वाले दरोगा के सामने वसूली वाली बात उगलवा ली.
दरअसल, सरगुजा जिला मुख्यालय से लगे कुछ मोहल्लों में अवैध महुआ शराब के नाम पर आदिवासी परिवारों के घर में घुसकर आबकारी विभाग मनमानी कर रहा है. और वसूली जैसी बातें सामने आ रही है. बता दें कि, आदिवासियों को परंपरागत 3 से 5 लीटर महुआ शराब बनाने का अधिकार है. लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी अधिकारी इन्हे अवैध शराब के नाम पर परेशान कर रहे है. इसी तरह का मामला आज अम्बिकापुर शहर के मठपारा में सामने आया है. जहां एक आदिवासी परिवार ने आबकारी विभाग के अधिकारी पर 10 हजार रुपए मांगने का आरोप लगाया है. इस दौरान कुछ जागरूक नागरिक मौके पर पहुंचे तो जमकर बवाल हुआ. इस दौरान आबकारी के दारोगा के पसीने छूट रहे थे और मामले को संभालते नजर आए.
बता दें कि, आबकारी विभाग द्वारा रुपए वसूलने या बात नहीं बनने पर शराब को बढ़ा कर रख देते हैं या ज्यादा शराब का केस बना देते है. पहले से अपने कार्यालय में जप्त शराब के कंटेनर को शामिल करके शराब की मात्रा बढ़ा देते है. आदिवासी परिवारों को लिमिट में शराब बनाने की अनुमति है. लेकिन आबकारी विभाग द्वारा घर में घुसकर इस तरह से गुंडागर्दी करने से लोग सहमे हुए है कि उन्हें फर्जी मामले में ना फंसा दिया जाए.
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