कोरिया.. जिले के मनेनद्रगढ विधानसभा से विधायक वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने को औचित्यहीन बताया और इसकी खिलाफत की है. विधायक डां विनय जायसवाल ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि आजादी की लडाई के समय अंडमान निकोबार द्वीपसमूह मे जब अंग्रेजो द्वारा कई क्रांतिकारियों को फांसी जी जा रही थी. उस वक्त वीर सावरकर समेत तीन लोगों ने अंग्रेजों को माफीनामा लिखकर दिया था.. और ऐसे व्यक्ति को भारत के सबसे बडे सम्मान को दिया जाना औचित्यहीन है. इससे पहले सीएम भूपेश बघेल समेत कई और मंत्रियों ने वीर सावरकर को भारत रत्न दिए दाने का विरोध किया है!
गौरतलब है कि महाराष्ट्र चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र मे वादा किया था कि सरकार बनने के बाद पार्टी विनायक दामोदर सावरकर को मरणोपरांत भारतरत्न दिलाएगी. जिसके बाद से ही वीर सावरकर को इस सम्मान से नवाजे, जाने का विरोध और स्वागत के दौर ने जोर पकड़ लिया है.. और अब तो महाराष्ट्र मे बीजेपी शिवसेना की सरकार बनने की संभावना भी प्रबल हो गई है..
वीर सावरकर का जन्म 1883 को मुंबई मे हुआ था. वो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी थे. उनकी पहचान वकील, नेता और लेखक के रूप मे होती रही है. ऐसे मे सन् 2000 मे तात्कालिक अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने उस समय के राष्ट्रपति के आर नारायणन के समक्ष वीर सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव रखा था. लेकिन महामहीम ने अटल सरकार के प्रस्ताव को नहीं स्वीकार किया था…