रायपुर। आज जीएसटी कॉउंसिल की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रायपुर में हुई इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने की। इस बैठक में प्रदेश के जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव वरिष्ठ अधिकारियों समेत शामिल हुए। इस बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति के विषय में केंद्र द्वारा अटॉर्नी जनरल से ली गयी राय पर राज्यों से सुझाव मांगे गए थे और आज यह चर्चा इसी मुद्दे पर चर्चा केंद्रित रही। कोरोना संक्रमण के प्रसार एवं लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर पड़ी मार के कारण जीएसटी की भरपाई राज्यों को करने में आने वाली दिक्कत पर केंद्र सरकार ने राज्यों से सुझाव मांगे थे जिसपर राज्य के जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ की प्राथमिकताएं कौंसिल के सामने रखीं।
जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव ने स्पष्ट की छत्तीसगढ़ की नीति एवं अपेक्षाएं
इस बैठक के दौरान जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव ने राज्य में जीएसटी क्रियान्वयन जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा के दौरान राज्य की प्राथमिकता सामने रखते हुए कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति अधिनियम एवं 101वें संविधान संशोधन अधिनियम के अनुरूप कार्य करना केंद्र सरकार की प्राथमिक ज़िम्मेदारी एवं मौलिक दायित्व है, जिस पर विश्वास कर ज्यादातर राज्यों ने जीएसटी पर सहमति जताई। जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव ने यह स्पष्ट किया कि वर्तमान परिस्तिथि में केंद्र सरकार को अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति तुरंत देना चाहिए और यदि केंद्र आर्थिक रूप से इसमें असक्षम है और इसके लिए ऋण लेना आवश्यक हो तो केंद्र सरकार को स्वयं ऋण लेकर इसकी जिम्मेदारी लेना चाहिये नाकि केंद्र को इसका बोझ राज्यों पर डालना चाहिए। जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि जीएसटी पर 2009 के श्वेत पत्र से लेकर आज तक अगणित बार राज्यों को यह आश्वाशन दिया गया है कि जीएसटी आने पर यदि किसी राज्य को कर वसूली में कोई नुकसान होता है तो उसको केंद्र सरकार क्षतिपूर्ति दी जायेगी लेकिन अब तक यह आश्वासन धरातल पर पूर्ण रूप से साकार नहीं किया जा सका है।
जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव ने आगे कहा कि केंद्र को जीएसटी के विषय पर 5 साल के आगे भी क्षतिपूर्ति देने पर चर्चा करनी चाहिये नाकि इस क्षतिपूर्ति को कम करने अथवा खत्म करने पर। उन्होंने आगे कहा कि यह मुद्दा केंद्र द्वारा राज्यों को दिए गए आश्वासन एवं राज्यों के केंद्र सरकार पर विश्वास से जुड़ा हुआ है और इसकी बुनियाद पर किसी प्रकार का हस्तक्षेप गलत होगा।
उन्होंने कहा कि राज्यों ने अपने कर वसूलने के प्रमुख अधिकार क्षतिपूर्ति की शर्त पर ही छोड़े थे जिससे जीएसटी बिल लाने का रास्ता साफ हुआ था और यदि इससे केंद्र सरकार द्वारा कोई भी छेड़छाड़ की जाती है तो यह देश के संघीय ढांचे पर गहरा आघात होगा और इसी लिए केंद्र सरकार को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे क्षतिपूर्ति की राशि राज्यों तक न पहुंचें। जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि यदि इस बार जीएसटी का कर संग्रहण कम हुआ है तो केंद्र सरकार का दायित्व है कि वह ऋण लेकर राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान करें बजाय इसके कि वे इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेने की जगह राज्यों को ऋण लेने पर मजबूर करें।