अम्बिकापुर
केन्द्रीय जेल में निरूद्ध एक विचाराधीन बंदी की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। विचाराधीन बंदी मिर्गी की बिमारी से पीडि़त था। जिसे उपचार के लिए कल शाम लगभग 5 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।
जानकारी के अनुसार शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम देवसरा खुर्द निवासी ढूलू पिता धोधवा पहाड़ी कोरवा 22 वर्ष साल 2012 में तम्बाखू नहीं देने की बात को लेकर पिता के साथ मारपीट करते हुये जानलेवा हमला किया था। जिसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट पर उसके विरूद्ध प्राणघात हमला करने पाये जाने पर धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर उसे रामानुजगंज उपजेल में भेज दिया था। उसे पहले से ही मिर्गी का दौरा पड़ता था। उसे बेहतर उपचार के लिए 17 अक्टूबर 2012 को केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर में प्रविष्ठ किया गया था। जिसके बाद से ही विचाराधीन बंदी केन्द्रीय जेल में रह रहा था। इस बीच जेल में ही उसे कई बार मिर्गी का दौरा भी पड़ा था। कल शाम खाना खाने के बाद उसे अचानक मिर्गी का दौरा पड़ा जिसे देख जेल के कर्मचारी उसके होश में नहीं आने पर तत्काल उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां लगभग आधे घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई। इस संबंध में जेल के कर्मचारियों ने बताया कि जब से वह जेल में निरूद्ध था उससे मिलने परिवार का कोई भी सदस्य नहीं आया था।