रायपुर. देश प्रदेश में चल रहे कोरोना संक्रमण के बीच एक ऐसा मामला देखने को मिला जो मानवीयता को तार तार करता है. दरअसल यह मामला रायपुर के एम्स अस्पताल का है. जहां एक परिवार द्वारा बोलने और सुनने में असमर्थ एक व्यक्ति को अस्पताल में ही छोड़ दिया गया. युवक को कोरोना का संदिग्ध बता कर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इसके साथ ही परिवार द्वारा जिस घर का पता लिखवाया गया था वह भी फर्जी निकला.
इतना ही नहीं घरवालों ने जो फोन नंबर दर्ज कराया था वह भी सेवा में नहीं है. अब महामारी से लड़ाई के बीच एम्स स्टाफ को उस शख्स की देखभाल करनी पड़ रही है. अधिकारी और पुलिस उस शख्स के परिवार वालों का पता लगाने में जुटे हुए हैं. इस 49 वर्षीय शख्स को उसके परिवार वालों द्वारा 29 मार्च को एम्स रायपुर लाया गया था. जिसके बाद उसे कोरोना का संदिग्ध बता कर वहीं छोड़ दिया गया. उसके बाद परिवार वालों ने अब तक उसकी खबर नहीं ली है. अस्पताल वालों ने उस व्यक्ति का सैंपल टेस्ट भी करवाया मगर वह नेगेटिव निकला.