
जांजगीर-चांपा। जिले के कोटमीसोनार गांव में एक किसान के लिए रोजमर्रा की खेती उस वक्त रोमांचक अनुभव में बदल गई जब उसे खेत में मगरमच्छ के दो बच्चे नजर आए। किसान खेत में काम कर रहा था, तभी दोनों मगरमच्छ के बच्चों को देखकर घबरा गया।
दोनों मगरमच्छ के बच्चों को सुरक्षित तरीके से पकड़कर कोटमीसोनार स्थित क्रोकोडायल पार्क में छोड़ा गया। यह पहली बार नहीं है जब गांव की सड़कों, गलियों या खेतों में मगरमच्छ नजर आए हों। स्थानीय लोग बताते हैं कि अक्सर मगरमच्छ गांव की ओर भटक आते हैं।
कोटमीसोनार गांव में छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला और एकमात्र क्रोकोडायल पार्क स्थित है, जो वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह पार्क वर्ष 2005 में स्थापित किया गया था और यहां वर्तमान में 400 से अधिक मगरमच्छों का संरक्षण किया जा रहा है। यह पार्क न केवल पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण है, बल्कि वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बन चुका है।