सूरजपुर..(पारसनाथ सिंह).. प्रदेश के शिक्षामंत्री के जिले में शिक्षा विभाग इन दिनों नए-नए कारनामे कर रोज सुर्खियां बटोर रहा है. कभी शराब के नशे में शिक्षक स्कूल पहुँच जा रहे हैं तो कभी छोटे-छोटे मासूम बच्चों को मजदूरी करने की शिक्षा दी जा रही है. और ऐसे मामले प्रकाश में आने के कुछ दिन बाद ठंडे बस्ते में चले जा रहे हैं. लेकिन इस बार शिक्षा विभाग में एक नया कारनामा हुआ है. दरअसल जिले के प्रतापपुर ब्लॉक के एक शिक्षक द्वारा विकासखंड शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार को लेकर लिखी एक कविता जमकर सोशल मीडिया में वायरल हो रहां है. और कविता में शिक्षा विभाग का जिक्र होने के बाद सुपरहिट हो गई है. वहीँ इस कविता को लेकर व्हाट्सएप्प ग्रुप्स में टीका-टिप्पणी का दौर भी जारी है. और शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में खड़ा है..
शिक्षक ने अपने कविता में बिना पैसे के काम नहीं होना, ऑफिस को शमशान, बाबू को शैतान बताया.. जब इस कविता की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल हुई और रातों-रात हिट हो गई..फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.. जिसके बाद शिक्षक ने माफीनामा तैयार कर माफ़ी मांगी और लिखा की कविता को लिखने का आशय लिपिक वर्ग को ठेस पहुंचना नहीं है.. लेकिन बीईओ कार्यालय के स्थापना शाखा में पदस्थ लिपिक महेंद्र पटेल के ऊपर आरोप लगाया है की उनके आँखों में पैसा रूपी लालच की पट्टी बंधी हुई है जिनका एकमात्र लक्ष्य पैसा है. जिसके काले करतूतों से ब्लॉक के सभी शिक्षक परेशान हैं.
बहरहाल प्रतापपुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने व्हाट्सएप्प ग्रुप में एक शिक्षक के द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर लिखी कविता व माफी मांगने का पत्र देखकर मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए.. कार्यालय में पदस्थ लिपिक महेंद्र पटेल को तत्काल उनके कार्य से पृथक कर दिया है. व् दो-तीन दिन के भीतर सारे तथ्यों पर जांच कर उन्हें उनके मूल पदस्थापना में भेजने की बात कह रहे हैं..