@संजय यादव
कांग्रेसी विधायक के नाम जान देने की धमकी…!
जांजगीर चांपा जिले के एक विधानसभा क्षेत्र के महिला विधायक के नाम एक गाड़ी संचालक द्वारा चुनाव में गाड़ी किराया का पेमेंट नहीं देने पर जान देने की धमकी सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. व्यक्ति ने कई महीनो से पेमेंट नही होने पर नाराज होकर जान देने की धमकी सोशल मीडिया में पोस्ट कर किया हैं. इसके बाद विधानसभा में कई प्रकार की चर्चा शुरू हो गई है. बताया जा रहा है विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में अपनी गाड़ी लगाई थी लेकिन चुनाव गुजर जाने के बाद उसे विधायक द्वारा गाड़ी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया हैं. व्यक्ति ने सोशल मीडिया में लिखा है उनकी गाड़ी का रकम बार-बार मांगने के बावजूद नहीं दिया जा रहा है मैं अपनी जान दे रहा हूं. इसकी जिम्मेदार विधायक की होगी. इस वायरस पोस्ट के बाद हड़कम मचा हुआ. आपको बता दे कि इस वायरल पोस्ट की पुष्टि फटाफट न्यूज़ नहीं करता।
चुनाव ड्यूटी से नाम काटने हुई वसूली…
जांजगीर चांपा जिला पंचायत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चुनाव के दौरान खूब कमाई की हैं. चुनाव ड्यूटी से नाम काटने पर व्यक्तियों से 5-5 हजार की वसूली की हैं. इस तरह चुनाव में उस अधिकारी ने अपना खूब जेब भरा हैं . चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी,अधिकारी कई प्रकार की कोशिश में लगे रहते है इसका फायदा उठाकर अधिकारी ने खूब वसूली किया है. चर्चा तो यह है कि 5 से 10 हजार का पर व्यक्ति लिया है।
शिक्षा विभाग में चाय पानी मतलब…
जिला शिक्षा कार्यालय जा रहे हैं तो खाली हाथ न जाए. क्योंकि बिना चाय पानी के खर्चे वहां आपका काम नहीं होने वाला हैं. अपने काम कराने के लिए चाय पानी के लिए देना पड़ता हैं. शिक्षा विभाग में चाय पानी का मतलब काम करवाने के बदले देने वाली रकम को कहीं जाती है. कर्मचारी खुले आम चाय पानी का खर्चा मांगते हैं. हर एक काम के बदले यहां खर्चा पानी मांगा जाता हैं.इसकी शिकायत कई बार कलेक्टर तक पहुंच चुकी हैं . बावजूद यहां के कर्मचारी अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे।
कांग्रेसी विधायकों की बढ़ी चिंता…
लोकसभा चुनाव के बाद अब कांग्रेसी विधायकों की चिंता बढ़ गई हैं.सभी आठ विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों का कब्जा है. जो अपने विधानसभा से जीत की उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं. किसी तरह अपने विधानसभा से सांसद प्रत्याशी को जीत दिला सके. अगर किसी भी विधानसभा से कांग्रेस की हार होती है तो इसकी जिम्मेदारी उस विधानसभा की होगी. क्योंकि लोकसभा चुनाव में सभी विधायक अपने-अपने विधानसभा से जीत की जिम्मेदारी ली थी. लोकसभा चुनाव में सांसद प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए खूब मेहनत किया गया. विधानसभा में अपने उम्मीद से खरा नहीं उतर पाने पर विधायकों के सिर पर ही हार ठीकरा फूटेगा।
शिव, कमलेश में जीत किसकी…
लोकसभा चुनाव के बाद अब कार्यकर्ताओं से लेकर आम लोगो को रिजल्ट का इंतजार हैं. 4 जून को लगभग शाम को फाइनल हो जाएगा की किसकी जीत होती है. हालांकि अभी सभी प्रत्याशी अपने अपने जीत के दावे कर रहे हैं. लेकिन जीत किसी एक का होना हैं. इस बार जांजगीर चांपा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. सभी ने अपने दावे एवं मुद्दे के साथ जनता को खूब लुभाने की कोशिश किया. इस लोकसभा में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है एस सी वोटर ही निर्णायक भूमिका में है. जिसके पक्ष में वोट किए होंगे उन्हीं की जीत तय है, लेकिन अब देखना होगा की जनता किसके सिर पर सेहरा पहनाती हैं।
जनता चुनेगी नपा अध्यक्ष…
छत्तीसगढ़ प्रदेश में आने वाले समय में पंचायत एवं नगर पालिका, निगम का चुनाव होना हैं.भारतीय जनता पार्टी की सरकार नगर निगम में महापौर एवं नगर पालिका में अध्यक्ष का चुनाव सीधे तौर पर कराना चाह रही हैं. अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता चुनेगी. पहले चुने हुए पार्षदों द्वारा अध्यक्ष चुना जाता था, लेकिन अब बीजेपी सरकार के आने के बाद नेताओं द्वारा ऐलान किया जा रहा है अब अध्यक्ष एवं महापौर को चुनाव सीधे जनता के द्वारा चुने जाएंगे।
बीजेपी नेताओं को निगम, आयोग में मिलेगा जगह…
जांजगीर चांपा लोकसभा के भाजपा नेताओं के लिए खुशखबरी का खबर है क्योंकि अब लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्षों का भी नियुक्ति करेगा. जिसमें बताया जा रहा है कि जांजगीर चांपा जिले के वरिष्ठ नेताओं को भी इसमें जगह मिल सकता हैं .क्योंकि जांजगीर चांपा जिले में भाजपा के एक भी विधायक नहीं है जो जिले का प्रतिनिधित्व कर सके. इसलिए अब जांजगीर चांपा,सक्ति जिले से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को निगम,मंडल,आयोग में जगह मिलने की चर्चा हैं.जिसमे प्रमुख नाम पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व सांसद कमला देवी पाटले एवं पूर्व विधायक निर्मल सिन्हा,संयोगिता जूदेव,खिलावन साहू,अंबेश जांगड़े एवं कृष्णकांत चंद्र का नाम जोरों पर हैं।
एक ही अधिकारी के पास तीन कार्यालय की जिम्मेदारी…
जिले के कलेक्टर आकाश छिकारा को रिजल्ट देने वाला कलेक्टर के नाम से जाना जाता है लेकिन जिले में स्थिति ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है. इस जिले में जब से पदस्थापना हुई हैं यहां की स्थिति ज्यों का त्यों बना हुआ हैं. सिर्फ बैठक, वीसी में समय निकल जा रहा है. यहां एक अधिकारी को तीन-तीन कार्यालय की जिम्मेदारी दिया गया जिसका कार्यभार अधिक होने के कारण कार्यालय में समय नहीं दे पा रही हैं आपको बता दे उस महिला अधिकारी को जिला कार्यालय के अलावा एसडीएम एवं जिला आदिम जाति कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई हैं।