कोरिया. जिले के मनेंद्रगढ़ नगर पालिका के वार्ड नंबर 7 की सीट में पार्षद पद का मुकाबला रोचक हो सकता है. क्योंकि यहां से लड़ने की मंशा बना रहे सारे पार्षद प्रत्याशी अपने आप में एक विशेष प्रतिभा रखते हैं. अपने पहले चुनाव में कांग्रेस की टिकट से चुनाव हारने के बाद दूसरे चुनाव में निर्दलीय जीत कर आने वाले गुरचरण सिंह कालरा जो वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से इस वार्ड के पार्षद है. गुरुचरण सिंह कालरा पुनः भाजपा से टिकट पाकर अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं.
वही भाजपा से टिकट की दौड़ में भाजपा के पुराने सक्रिय युवा साथी एवं नमो फाउंडेशन ग्रुप के पूर्व जिलाध्यक्ष व वर्तमान में सक्रिय पत्रकार रामचंद्र अग्रवाल भी अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में है. सूत्रों की माने तो भाजपा संगठन इस बार वार्ड में प्रत्याशी बदलकर रामचंद्र अग्रवाल पर अपना भरोसा जता सकता है. अपनी सरल और मिलनसार छवि के कारण वार्ड के लोगों के बीच में यह अपनी अच्छी पैठ भी रखते हैं जिसका फायदा भाजपा संगठन को मिल सकता है.
जनसेवा के लिए समय-समय पर अपनी आवाज बुलंद करने वाले मनेंद्रगढ़ फ्रेंड्स ग्रुप के अंकुर जैन भी भाजपा से टिकट पाकर चुनाव लड़ने की मंशा रखते हैं. भाजपा संगठन के युवा इरशाद अंसारी भाजपा की टिकट पर इस वार्ड से चुनाव लड़ने के इच्छुक नजर आते हैं. दो पंचवर्षीय पूर्व इस वार्ड से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले श्याम सुंदर पोद्दार फिर इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का बिगुल फूंक दिया है. अपनी दबंग और तेजतर्रार छवि के कारण इन्हें चुनाव जीतने का अपने आप पर पूरा भरोसा है. मनेंद्रगढ़ बीएड कॉलेज के संचालक एवं वर्तमान में ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश शर्मा इन दिनों वार्ड का सघन दौरा करते नजर आ रहे हैं और कांग्रेस पार्टी से वार्ड नंबर 7 से पार्षद के लिए अपनी संभावना इस वार्ड में तलाश रहे हैं. अध्यक्ष के सीधे चुनाव में भी इनका नाम कांग्रेस के प्रबल दावेदारों के रूप में लिया जा रहा था.
वहीं कांग्रेस के युवा नेता एवं विधायक के करीबी माने जाने वाले रवि जैन ने पार्षद प्रत्याशी के रूप में वार्ड में संपर्क चालू कर दिया है और कांग्रेस की टिकट से चुनाव जीतकर कांग्रेस की झोली में यह सीट देना चाहते हैं. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सरदार इकबाल सिंह जो कि एक बार पूर्व में भी इस वार्ड से पार्षद पद हेतु लड़ चुके हैं वे फिर से इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ने की प्रबल मंशा वार्ड वासियों के बीच जाहिर करते नजर आ रहे हैं. अब देखना यह है चुनाव के करीब आते-आते इनमें से कौन-कौन प्रत्याशी अपने अपने संगठन के चहेते बनते हैं और कौन-कौन बागी हो कर चुनाव लड़ते हैं.