बिलासपुर/रायपुर. आर.के.वीर के जन्म दिवस के अवसर पर आठवां आर.के.वीर मेमोरियल व्याख्यान नई दिल्ली में ऑनलाइन आयोजित किया गया. इस व्याख्यान में भारतीय रेलवे सहित देश विदेश के तमाम शैक्षिक संस्थानों ने भाग लिया. इसमें (आईईईई), न्यूयॉर्क, (आईआरईई), यूके, (आईआईटी), यूके, (आईआरईईएम), नासिक आदि लब्ध प्रतिष्ठित संस्थानों ने भाग लिया. व्याख्यान मुख्यतः भारतीय रेलवे की क्षमता आवर्धन निर्माण से संबंधित थी. इस अवसर पर मुख्य अतिथि वी.के. यादव पूर्व अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड, राजेश तिवारी सदस्य, ट्रेक्शन, रेलवे बोर्ड तथा मुख्य वक्ता, गौतम बनर्जी, महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे उपस्थित थे.
आर.के. वीर 1952 बैच के भारतीय रेलवे के विद्युत इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारी थे, जिन्होंने भारतीय रेल के इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव क्षमता वर्धन तथा वर्तमान ऊपरी उपस्कर 25 केवी तकनीक को स्थापित करने में अविस्मरणीय भूमिका निभाई. उन्होंने उत्तर रेलवे से अपने कैरियर की शुरुआत की. उन्होंने चक्रधरपुर मंडल के डिविजनल सुपरिटेंडेंट, चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स के महाप्रबंधक पद की शोभा बढ़ाई तथा स्विट्जरलैंड के जिओनी में डिप्टी रेलवे एडवाइजर रहे. उनके अविस्मरणीय योगदान के दृष्टिगत हर वर्ष आर.के. वीर मेमोरियल व्याख्यान आयोजित किया जाता है.
इस कड़ी में वर्ष 2021 के व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्यान देते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, गौतम बनर्जी ने विद्युत ट्रैक्शन एवं भारतीय रेलवे में राइट पावरिंग के विषय में अपने विचार प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि विभिन्न भौगोलिक विषमताओं के मद्देनजर तथा क्षमता आवर्धन के निर्माण के लिए राइट पावरिंग की नितांत आवश्यकता है जिससे ना केवल बेहतर आउटपुट प्राप्त की जा सकती है बल्कि रेल परिचालन को और भी कार्य कुशल बनाया जा सकता है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जैसे लोडिंग जोन में क्षमता आवर्धन के लिए ना केवल आधारभूत संरचना की आवश्यकता है, बल्कि लॉन्ग हॉल जैसी ट्रेनें जिसमें प्रथम सुपर पाइथन, एनाकोंडा, सुपर एनाकोंडा तथा शेषनाग जैसी 2.8 किलोमीटर लंबी लॉन्ग हॉल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है.
चर्चा के दौरान महाप्रबंधक, गौतम बनर्जी ने कहा कि भारतीय रेलवे के विजन-2024 के अंतर्गत भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राइट पॉवरिंग एवं ट्रैक्शन को और भी अधिक कार्य कुशल होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि आज डब्ल्यूएजी-9 लोकोमोटिव भारतीय रेलवे में सर्वाधिक सफल है तथा विश्व की सर्वाधिक क्षमता डब्ल्यूएजी-12 लोकोमोटिव को भारतीय रेलवे में शामिल किया गया है. ट्रेन ऑपरेशन में मल्टीपल कंसिस्ट पुशपूल विधि एवं पीडब्ल्यूसीएस आदि तकनीक का उपयोग किया जा रहा है जबकि पैसेंजर सर्विस में भी पुशपूल विधि काफी उपयोगी सिद्ध हो रहा है. यात्री ट्रेनों की गति में वृद्धि की भावी योजना तैयार कर ली गई है. पूनःउपयोगी एवं अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है. रायपुर रेल मंडल के भिलाई में 50 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर पावर संयंत्र निर्माणाधीन है जिससे भविष्य में ट्रेन चलाने की योजना है, जबकि बीना में 1.7 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई है.
इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड वीके यादव एवम् सदस्य ट्रेक्शन राजेश तिवारी ने अपने विचार व्यक्त किया.