बलरामपुर.. कोविड-19 से बचाव तथा इसके प्रसार की रोकथाम के लिए नया साल नई उम्मीद लेकर आया है। कोविड-19 के टीकाकरण के लिए व्यवहारिक तैयारी हेतु जिले में तीन स्थानों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज तथा चांदो में मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान आपात स्थिति से निपटने के तरीकों का भी पूर्वाभ्यास किया गया। सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तथा रामानुजगंज विधायक वृहस्पत सिंह, कलेक्टर श्याम धावड़े तथा पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ड्राई रन का निरीक्षण करने विकासखंड रामचंद्रपुर के बुधुटोला स्थित प्राथमिक शाला पहुंचे। विधायक सिंह ने कोविड-19 टीकाकरण के प्रक्रिया की चरणबद्ध जानकारी ली तथा ड्राई रन में शामिल डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों से चर्चा कर प्रक्रिया की सतत निगरानी करने को कहा। उन्होंने वैक्सीनेशन के मॉक ड्रिल पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि वैक्सीनेशन के लिए जारी स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।
बता दे की कोरोना के टीकाकरण में कुल 5 चरण है जिसमे प्रथम चरण में हितग्राही के पहचान पत्र की जांच कर पंजीकृत सूची से मिलान किया जाएगा। तत्पश्चात दूसरे चरण में हितग्राही के शरीर का तापमान चेक करने के उपरांत तीसरे चरण में मोबाइल में प्राप्त हुए वन टाइम पासवर्ड तथा परिचय पत्र के माध्यम से पुनः हितग्राही की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। पहचान सुनिश्चित होने के बाद प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी द्वारा हितग्राही को वैक्सीन लगाकर अगले चरण में आधे घण्टे तक ऑब्जरवेशन में रखा जाएगा। ऑब्जरवेशन के दौरान यदि हितग्राही को कोई दिक्कत आती है तो उसके लिए छठवें चरण के अंतर्गत विशेष व्यवस्था की जाएगी। जिस हितग्राही को वैक्सीन लगाया जाएगा उसके मोबाइल में एसएमएस के माध्यम से वैक्सीनेशन की तिथि तथा स्थान की जानकारी भेजी जाएगी। मॉक ड्रिल का निरीक्षण करने पहुंचे विधायक, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने वैक्सीनेशन के चरणबद्ध प्रक्रियाओं की सूक्ष्म जानकारी ली तथा स्वयं प्रतीकात्मक हितग्राही के तौर पर ड्राई रन में शामिल हुए।
मॉकड्रिल के लिए अप्वाइंटमेंट के तहत पूर्व से पोर्टल में रजिस्टर्ड स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण के लिए आज बुलाया गया था। वैक्सीनेशन हेतु निर्धारित साइट पर वैक्सीनेशन अधिकारी व वैक्सीनेटर नियुक्त किए गए थे। इनके द्वारा हितग्राही के आईडी कार्ड, को-विन पोर्टल में नाम, डॉटा मिलान आदि के बाद ही हितग्राही को वैक्सीनेशन कक्ष में भेजा गया जहां वैक्सीनेटर द्वारा वैक्सीन लगाने के बाद पृथक कक्ष में आधे घंटे तक निगरानी में रखने के उपरांत केन्द्र से जाने दिया गया। कलेक्टर श्याम धावड़े को डॉक्टरों ने बताया कि वैक्सीनशन स्थल पर हितग्राही की पूर्व से पोर्टल में रजिस्टर्ड सूची रहेगी और हितग्राही के पहचान पत्र से इसका मिलान किया जाएगा। वैक्सीनेशन के बाद सभी हितग्राहियों को 30 मिनट तक ऑब्जर्वेशन रूम में रखा जाएगा । इसके लिए भी प्रोटोकॉल निर्धारित है। कलेक्टर ने डॉक्टरों से चर्चा करते हुए कहा कि इस मॉकड्रिल का उद्देश्य वैक्सीन की सप्लाई, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स के साथ ही कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान किसी आपात स्थिति का अभ्यास करना था ताकि जब वैक्सीनेशन प्रारम्भ हो तब व्यवहारिक दिक्कतें न आए। वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे लोगों के वैक्सीनेशन साइट पर पहुंचने, उनकी पोर्टल में हुई डाटा एंट्री, आई डी कार्ड की जाँच, वैक्सीनेशन व ऑब्जर्वेशन में रखने की तैयारियों को जायजा लेकर उन्होंने जरूरी दिशानिर्देश भी अधिकारियों को दिए। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 का टीका सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा। इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स और फिर अन्य आयु वर्ग के लोगों को दिया जाएगा। ड्राई रन के माध्यम से वैक्सीनेशन के तैयारियों का आकलन किया गया है। टीकाकरण प्रक्रिया के सफल संचालन के लिए जिला स्तर पर मजबूत समन्वय तंत्र बनाया गया है और तैयारियों की सूक्ष्म समीक्षा की जा रही है।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बसंत सिंह, विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी कैलाश कैवर्त्य, डीपीएम सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।