व्रतियो ने दिया अस्ताचंल सूर्य को अध्र्य
भीड़ से अम्बिकापुर झारखंड मुख्य मार्ग बंद
अम्बिकापुर-देश दीपक “सचिन”
चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व छठ रविवार को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिला पुरुषो ने वृहद अनुष्ठान किया। शनिवार को घाट बंधान के बाद छठी व्रतियों द्वारा कल खीर का प्रसाद बनाकर ग्रहण किया गया व लोगों को प्रसाद वितरण किया गया। रविवार को अस्ताचंल सूर्य को अध्र्य देकर सूर्य उपासना की गई। सोमवार को प्रात: उदयगामी सूर्य को अध्र्य देकर व्रति श्रद्धालु व्रत का पारण करेंगे।
छठ व्रतियों के लिये अम्बिकापुर नगर के शंकर घाट ,शिवधारी तालाब, केनाबंाध, बौरीबांध, मौलवी बांध, दर्रीपारा विशुनपुर, नमनाकला, संत हरकेवल, आश्रम मंदिर, गांधीनगर तालाब, महामाया मंदिर तालाब, खैरबार तालाब, बाबूपारा तालाब, भाथूपारा तालाब सहित अन्य सभी तालाबों मे इसके लिये व्यापक तैयारी व चाक-चैबंद व्यवस्था की गई। गौरतलब है कि मूलतर: बिहार व झारखण्ड निवासियों के द्वारा मनाया जाने वाला यह पर्व अब सरगुजा संभाग में भी स्थानीय लोगों द्वारा बड़े पैमाने में श्रद्धा भाव व पारंपरिक रूप से मनाया जाने लगा है। छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थ तिथि से प्रारंभ होता है तथा सप्तमी तिथि को इस पर्व का समापन होता है। शुक्रवार को छठ पर्व का प्रारंभ नहान-खान से शुरू हुआ। व्रती स्नान कर अरवा चावल, चना दाल, लौकी की सब्जी और कद्दू की सब्जी का भोजन किये। भोजन में सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है। शनिवार को दूसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी को दिनभर व्रती उपवास कर शाम में स्नानकर विधि-विधान से रोटी और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद तैयार कर भगवान भास्कर की आराधना कर प्रसाद ग्रहण की, इस पूजा को खरना कहा जाता है। इसके अगले दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को उपवास रखकर शाम को व्रतियां टोकरी में ठेकुआ, फल,ईख समेत अन्य प्रसाद लेकर नदी, तालाब में अध्र्य देकर व उदीयमान सूर्य को अध्र्य अर्पित कर घर वापस लौटकर अन्न-जल ग्रहण कर व्रत का पारण करेंगी।
25 से 30 हजार श्रद्धालु पहुचे शंकर घाट
23 वर्षों से निरंतर छठ पूजा के लिये समर्थित महामाया सेवा समिति के अध्यक्ष विजय सोनी ने बताया कि इस वर्ष लगभग 25 से 35 हजार श्रद्धालुओं ने शंकर घाट में पंहुचकर पूजन अर्चन किया शहर के अलग अलग घाटो में लगभग 80 हजार से अधिक भीड़ । इस दौरान समिति के कार्यकर्ता छठ घाट में व्रतियो की सेवा में लगे रहे। समिति के सदस्यों में संजीव मंदिलवार, शूटन ङ्क्षसह, चंता पांडेय, रविशंकर पांडेय, भानू सिंह, पप्पू ठाकुर, राधे कुशवाहा, बल्लू श्रीवास्तव, बबलू कुशवाहा, सूरज पांडेय व भीम सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने नि:स्वार्थ अपना योगदान दिया।
छठ घाटों पर चाक-चौबंद व्यवस्था
सूर्य उपासना का महापर्व छठ जिसके लिये विभिन्न समितियों व प्रशासनिक अमला ने शंकरघाट बांक नदी, जेल तालाब, बौरीबांध,मौलवी बांध, दर्रीपारा विशुनपुर, नमनाकला, संत हरकेवल, आश्रम मंदिर, गांधीनगर तालाब, महामाया मंदिर तालाब, खैरबार तालाब, बाबूपारा तालाब, भाथूपारा तालाब के छठ घाटों पर बिजली, पानी पार्किंग व पुलिस व्यवस्था प्रशासन के द्वारा व्यवस्था की गई। सभी घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये गये हैं। छठव्रतियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए घाटों पर साफ -सफाई की व्यवस्था, पेयजल, विद्युत की व्यवस्था सुचारू करने हेतु निगम कर्मचारियों व महामाया समिति के लोग दिन भर डटे रहे। छठ पर्व पर होने वाले भीड़ को नियंत्रित करने कई जगहों पर बेरिकेटिंग लगाया गया था।
जगराता में झूमे श्रद्धालू
शाम को शुरू हुई छठ पूजन के साथ ही स्थानीय शंकर घाट में जय दुर्गा जागरण मंच के कलाकारों के द्वारा छठी मैया के गीतों की प्रस्तुति दी गई, इस दौरान ग्रुप की मुख्य कलाकारा ममता सिंह के गीतों पर श्रद्धालू थिरकते नजर आये, आस्था और भक्ती के कई गीतों में दर्शको की भीड़ को भक्ती रस सराबोर कर दिया।