बस्तर। एक तरफ सरकार कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर दिन अलग-अलग गाइडलाइन तैयार कर रही है। दूसरी तरफ सरकार और आईसीएमआर से जारी गाइडलाइन का उनके ही अधिकारी मखौल उड़ा रहे हैं। केस बस्तर से आया है. जहां प्रभारी सीएमओ होम आइसोलेशन के महज 9 दिन बाद ही ऑफिस पहुंच गए।
जगदलपुर के सीएमओ आरके चतुर्वेदी को जिला प्रशासन ने हटा दिया। इसके बाद आरके चतुर्वेदी की जगह जीपी शर्मा जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन इस दौरान जीपी शर्मा कोरोना पॉजिटिव से ठीक होकर होम आइसोलेशन में थे। जैसे ही प्रशासन ने जिम्मेदारी के लिए आदेश जारी किया, जीपी शर्मा होम आइसोलेशन के सारे नियमों-कानून को ताक पर रख 9वें दिन पद संभालने कार्यालय पहुंच गए। शनिवार को जीपी शर्मा ने सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) बस्तर के रूप में पदभार भी ग्रहण कर लिया। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या अधिकारियों के लिए कोई नियम नहीं हैं.? क्या उनके ऑफिस आने से बाकी कर्मचारियों और लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ गया है।
हाल ही में राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है। उसके मुताबिक प्रत्येक कोरोना संक्रमित मरीज जो ठीक होने के बाद होम आइसोलेशन में हैं, उन्हें कम से कम 17 दिन क्वॉरेंटाइन रहना है। इससे पहले के आदेश में 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन रहना अनिवार्य था। इस बीच होम क्वॉरेंटाइन में रह रहा शख्स किसी भी काम से बाहर नहीं निकल सकता है। ऐसे लोगों को आपात स्थिति में अस्पताल जाने के लिए ही घर से बाहर निकलने की अनुमति है। अगर कोई नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होती है।
इस सबंध में नवनियुक्त सीएमएचओ जीपी शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने 13 अप्रैल को उन्होंने अपना सैंपल दिया था। जिसके बाद 15 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से वे होम आइसोलेशन में थे। 23 अप्रैल को कोरोना की फिर से जांच कराई। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद नई जिम्मेदारी संभालने पहुंचा था। इस बीच जिला प्रशासन के आला अधिकारियों का मार्गदर्शन भी लिया गया है।