रायपुर। प्रदेश के सत्ता में कांग्रेस आते ही कांग्रेसी नेताओं में मुख्यमंत्री चयन को लेकर आपसी गुटबाजी खुलकर दिखी थी। जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था। वहीं सीएम की रेस में टीएस सिंहदेव भी थे। लेकिन कांग्रेस आलाकमान के फैसले के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेश बघेल ने शपथ ली। जबकि मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू को मंत्री बनाया गया था। जिसके बाद चर्चाएं तेज हो गयी थी कि ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। जिसमे ढाई साल की पारी भूपेश बघेल और ढाई साल टीएस सिंहदेव की थी। और इसी 17 जून को कांग्रेस को सत्ता में आए ढाई साल पूरे हुए हैं।
हालांकि ऐसा कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला है। लेकिन इसी बीच छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे हुए थे। और उन्होंने मिशन 2023 के तहत कांग्रेस संगठन के नेताओं से बैठकें की थी। उसके बाद से प्रदेश में प्रभारी मंत्रियों के ज़िले बदले जाने की चर्चाएं नए सिरे से तेज हो गयी थी। वहीं पीएल पुनिया के वापस लौटने के बाद कई जिलों के प्रभारी मंत्रियों को बदल दिया गया है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि जिन मंत्रियों का परफॉर्मेंस ठीक नही था। उनका प्रभार जिला बदला गया है। वहीं जिन मंत्रियों का परफॉर्मेंस ठीक था, उन्हें एक के साथ 2-3 ज़िले का प्रभार दिया गया है।
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