बिश्रामपुर (पारसनाथ सिंह) सूरजपुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत रामनगर में सरपंच व् सचिव द्वारा पंचायत में शौचालय निर्माण हेतु बिहार के वैशाली से मजदूरों को बुलाया गया था एवम् उन्हें प्रत्येक शौचालय स्ट्रक्चर व् सीमेंट प्लास्टर के लिए 2800 रुपये देने का वादा किया था। एवम् बिहार से आये मजदूरों के साथ ग्राम कुरुवां के कुछ स्थानीय सहायक मजदुर भी शामिल थे, जिन्हें लगभग 20 शौचालयों के निर्माण की जिम्मेदारी सौपी गई थी। और मजदूरों ने पंचायत द्वारा मिले टारगेट को पूरा कर लिया। और समय-समय पर थोड़ी बहुत राशि पंचायत से लेते रहे। जब काम ख़त्म हो गया तो मजदूरों ने सरपंच-सचिव से अपनी मजदूरी मांगी तो उन मजदूरों के मुखिया बिहार निवासी रंजीत पासवान के नाम पर कूल 30000 रूपए का चेक थमा दिया। उस चेक से जब रंजीत 30 जून को बैंक से रूपए निकालने गया तो वो चेक बाउंस हो गया। क्योंकि उस खाते में रूपए ही नहीं थे। इससे मजदुर निराश हो गये। और उनके पास घर जाने के लिए पैसे भी नहीं थे।
कर्ज लेकर गया भाई के अंतिम संस्कार में
इस बीच मजदूरों में से एक के भाई की मौत बिहार में हो गई, लेकिन रुपयों के अभाव में वह नहीं जा सकता था। फिर किसी तरह स्थानीय लोगों से उधार लेकर उसे भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए घर भेजा गया। चेक बाउंस होने पर जब मजदूर रंजीत पासवान पंचायत के सचिव् व् सरपंच के पास गया तो सरपंच जवाहर सिंह व् सचिव देवेश्वर सिंह द्वारा उसे उल्टा धमकाकर भुगतान आज तक नहीं किया गया है। रुपयों के आभाव में मजदूर यहाँ फँसे हुए हैं। और सरपंच – सचिव की मनमानी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। मजदूरों ने स्थानीय नेताओं के माध्यम से जिला पंचायत सी०ई०ओ० को शिकायत – पत्र प्रेषित कर उचित कार्रवाई व् भुगतान की मांग की है।