रायपुर। छत्तीसगढ़ कोष, लेखा एवं पेंशन विभाग के संयुक्त संचालक राजेश श्रीवास्तव का शव नागपुर के एक लॉज में मिला है। सूचना मिलने के बाद पुलिस और परिजन नागपुर के लिए रवाना हो गये हैं। वे एक मार्च को नवा रायपुर स्थित संचालनालय इंद्रावती भवन परिसर से गायब हो गये थे। परिजनों का कहना है कि वे डिप्रेशन और शुगर के मरीज थे। पिछले 8 महीने से वेतन नहीं मिलने से परेशान रहते थे।
बताया जा रहा है कि नागपुर के सीताबर्डी थाना स्थित पूजा लॉज के 104 नंबर कमरे में राजेश श्रीवास्तव का शव मिला है। उन्होंने काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला तो लॉज के कर्मचारियों ने दरवाजा खोलकर देखा । वे बिस्तर पर ही मृत पाये गये। लॉज प्रबंधन की सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने मर्ग कायम पर शव की शिनाख्त के बाद पोस्टमार्टम कराया।
उनकी शिनाख्त के लिए उनकी मोबाइल और लॉज के रजिस्टर में दर्ज नाम-पते का इस्तेमाल किया गया। नागपुर पुलिस ने रायपुर पुलिस से संपर्क कर शव मिलने की जानकारी और यहां दर्ज गुमशुदगी का मामला साझा किया। संयुक्त संचालक की मौत कैसे हुई यह अभी पहेली बना हुआ है। पुलिस अब उनकी मौत की गुत्थी सुलझाने की कोशिश में है। इसके लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार होगा।
2 मार्च को लॉज पहुंचे थे श्रीवास्तव
नागपुर पुलिस के अधिकारियों ने बताया, राजेश श्रीवास्तव 2 मार्च को पूजा लॉज पहुंचे थे। लॉज के रजिस्टर में उन्होंने रायपुर से नागपुर का आने का कारण मार्केटिंग लिखवाया था। उनके शव की तलाशी ली गई तो गले मे 1 सोने की चेन, 1 घड़ी और 1 रेडमी मोबाइल समेत जेब मे 3 हजार रुपए मिले हैं।
जून 2020 में ट्रांसफर पर रायपुर आये थे
राजेश श्रीवास्तव लंबे समय से बिलासपुर में संयुक्त संचालक थे। 2019 में उन्हें प्रतिनियुक्ति पर अटल विहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर भेजने का आदेश जारी हुआ। श्रीवास्तव ने उच्च न्यायालय में इस आदेश को चुनौती दी। उनका कहना था, प्रतिनियुक्ति पर भेजने से पहले उनकी सहमति नहीं ली गई थी। उच्च न्यायालय ने इसपर स्थगन दे दिया था। जून 2020 में विभाग ने श्रीवास्तव का तबादला संचालनालय कोष, लेखा एवं पेंशन में कर दिया।
कर्मचारी संगठनों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की
राजेश श्रीवास्तव की मौत के बाद कर्मचारी संगठनों में भी आक्रोश है। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। दोनों नेताओं ने कहा, इस घटना से साफ हो गया है कि मंत्रालय के कर्मचारी असुरक्षित हैं।