
बिलासपुर। कभी तेज-तर्रार और सुलझे हुए केसों के लिए पहचान बना चुके पुलिस निरीक्षक कलीम खान पर गिरी विभागीय गाज। चार साल पुरानी गंभीर शिकायतों की जांच पूरी होने के बाद बिलासपुर रेंज के आईजी संजीव शुक्ला ने कलीम खान को निरीक्षक से पदावनत कर एक वर्ष के लिए उपनिरीक्षक बना दिया है। आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी से पैसों की मांग की और यौन शोषण भी किया।
चार साल पुराना मामला, अब हुई विभागीय कार्रवाई
वर्ष 2020 में दर्ज एक ठगी के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद टीआई कलीम खान पर उसकी पत्नी ने गंभीर आरोप लगाए थे। महिला ने शिकायत की कि कलीम खान ने केस कमजोर करने और जमानत दिलाने के एवज में पैसों की मांग की। यही नहीं, उसने पति को छोड़ने की शर्त पर यौन शोषण का आरोप भी लगाया। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब बिलासपुर जिले में एसपी दीपक झा की पदस्थापना के दौरान जांच शुरू हुई और पीई (प्रारंभिक जांच) में आरोप सही पाए गए।
मामले की परत-दर-परत खुलती गई, SP बदलते गए, जांच चलती रही
यह पूरा मामला कोनी थाना क्षेत्र से जुड़ा है। दरअसल, मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर दिल्ली में तीन लोगों ने मिलकर तीन परिवारों से 82 लाख रुपए की ठगी की थी। एफआईआर के बाद सात महीने बीते ही थे कि एक आरोपी की पत्नी ने टीआई कलीम खान पर आरोप लगाए। जांच की कमान बदलते हुए एसपी पारुल माथुर ने विभागीय जांच के निर्देश दिए। इसके बाद दो और एसपी बदले, लेकिन जांच निरंतर चलती रही।
पदावनति से पहले मिला था आउट ऑफ टर्म प्रमोशन
कलीम खान को रायपुर के एक चर्चित केस में सफलता मिलने पर विशेष प्रमोशन मिला था। उन्हें नक्सल क्षेत्र से इतर मैदान में सेवा देने के बावजूद ‘आउट ऑफ टर्म प्रमोशन’ देकर उपनिरीक्षक से निरीक्षक बनाया गया था। लेकिन अब गंभीर आरोपों के चलते वे वापस उपनिरीक्षक बना दिए गए हैं।
जिसे पकड़ने गए थे, वही हो गया फरार
जिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कलीम खान दिल्ली तक गए थे, वही व्यक्ति बाद में कोरोना काल में पैरोल पर बाहर आने के बाद फरार हो गया और आज तक पकड़ा नहीं गया। जबकि उसकी पत्नी की शिकायत के आधार पर अब कार्रवाई हुई है।
इन थानों में कर चुके हैं सेवाएं, विवादों से भी रहा नाता
बिलासपुर जिले में कलीम खान ने चकरभाठा, तारबाहर, सिविल लाइन, कोतवाली और साइबर सेल जैसे महत्वपूर्ण थानों में सेवाएं दीं। उनके नाम कई चर्चित केसों की सफल जांच दर्ज है, जिसमें विराट अपहरणकांड शामिल है। लेकिन उनके कार्यकाल में विवाद भी कम नहीं रहे। तत्कालीन विधायक शैलेश पांडे से विवाद भी सुर्खियों में रहा।