
अम्बिकापुर। अमेरा स्थित SECL खदान में छह माह से जारी तनावपूर्ण माहौल आज आखिरकार धमाके के साथ समाप्त हुआ। भूमि अधिग्रहण के विरोध में झोपड़ी बनाकर डटे ग्रामीणों को हटाने पुलिस बुधवार सुबह भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया। लंबे समय से आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को खदेड़ने के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच दो बार तीखा आमना-सामना हुआ, जिसमें लाठीचार्ज और पथराव के हालात बन गए। इसमें 40 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए, वहीं आधा दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों के घायल होने की खबर है।
ग्रामीण 2016 में ग्राम परसोड़ी कला में अधिग्रहित 11.192 हेक्टेयर जमीन के मुआवजे को लेकर विरोध कर रहे थे। SECL ने इस भूमि का अधिग्रहण कोल बैरिंग एक्ट 1957 के तहत किया था। कुल 238 प्रभावितों में से अब तक केवल 15–16 लोगों को ही मुआवजा राशि मिलने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। इसी असमानता के विरोध में ग्रामीण पिछले लगभग छह माह से झोपड़ी बनाकर खदान के एक्सटेंशन कार्य को रोकने में लगे हुए थे।
स्थिति बिगड़ती देख बुधवार को सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। विरोध स्थल पर बनाई गई झोपड़ियों को पुलिस ने बलपूर्वक खाली कराया और ध्वस्त करने के बाद आग के हवाले कर दिया। इसके विरोध में ग्रामीणों ने उग्र रुख अपनाया, जिसके बाद हालात हाथ से निकलने लगे और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पथराव की घटनाएं भी हुईं, जिससे दोनों पक्षों को चोटें आईं।जानकारी के अनुसार, SECL के इस खदान से छत्तीसगढ़ विद्युत निगम के साथ-साथ राजस्थान विद्युत निगम को भी कोयला की सप्लाई होती है, ऐसे में उत्पादन बाधित रहने से बड़े स्तर पर प्रभाव पड़ रहा था। इसलिए प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने और उत्पादन कार्य बहाल कराने के लिए कार्रवाई की।
जानकारी के अनुसार, SECL के इस खदान से छत्तीसगढ़ विद्युत निगम के साथ-साथ राजस्थान विद्युत निगम को भी कोयला की सप्लाई होती है, ऐसे में उत्पादन बाधित रहने से बड़े स्तर पर प्रभाव पड़ रहा था। इसलिए प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने और उत्पादन कार्य बहाल कराने के लिए कार्रवाई की।देर शाम तक हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं, हालांकि ग्रामीणों की नाराजगी और तनावपूर्ण माहौल अब भी बना हुआ है। मौके पर पुलिस बल की भारी तैनाती जारी है ताकि परिस्थिति फिर न बिगड़े। प्रशासन की ओर से आगे की रणनीति और मुआवजा विवाद पर अब नजरें टिकी हैं।
देर शाम तक हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं, हालांकि ग्रामीणों की नाराजगी और तनावपूर्ण माहौल अब भी बना हुआ है। मौके पर पुलिस बल की भारी तैनाती जारी है ताकि परिस्थिति फिर न बिगड़े। प्रशासन की ओर से आगे की रणनीति और मुआवजा विवाद पर अब नजरें टिकी हैं।
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