अंबिकापुर. बीते रात खाद्य व संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत को जानकारी मिली कि सीतापुर का एक बालक मनोज पावले किसी गलतफहमी की वजह से सेलम बाल संरक्षण गृह पहुँच गया है.
जिसपर मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने पता किया कि मनोज पावले पिता भोलाराम पावले, निवासी सीतापुर अपने चाचा के साथ चेन्नई में निर्माण साइट पर गया था. वहाँ पुलिस द्वारा उसे बाल श्रमिक समझ कर पकड़ लिया गया. जानकारी के अभाव में पुलिस ने उसे तुरंत सेलम के बाल संरक्षण गृह भेज दिया. यह मालूम होने पर उन्होंने संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल सरगुजा जिले के कलेक्टर, एसपी एवं श्रम अधिकारी से बात की.
श्री भगत ने इस मामले की गंभीरता को समझा और तत्परता दिखाते हुए तुरंत एक बचाव दल गठित किया. जो जल्द ही सेलम के लिये रवाना होगी. ऐसा कम देखने को मिलता है कि मंत्री पद पर बैठकर कोई ज़मीनी स्तर की परेशानियों को समझे. सीतापुर के लोगों ने मंत्री श्री भगत की विनम्रता व संवेदनशीलता की मुक्तकंठ से तारीफ की. यह संभावना बताई जा रही है कि बचाव दल द्वारा काग़ज़ी कार्यवाही पूर्ण कर जल्द ही मनोज को उनके परिजनों तक पहुँचा दिया जाएगा. अमरजीत भगत की तत्परता व संवेदनशीलता से मनोज पावले तक मदद पहुँच रही है, यह जानकर मनोज के परिजनों ने राहत की सांस ली है.