सीतापुर(अनिल उपाध्याय)। विकास कार्यो की आड़ में फर्जी प्रस्ताव के जरिये लाखो रुपये गबन करने का आरोप लगा महिला सरपंच के विरुद्ध पंचों द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर हाईकोर्ट ने स्थगन जारी करते हुए मतदान प्रक्रिया पर रोक लगा दी।इस निर्णय के बाद अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूरी तरह तैयार विपक्षी खेमा मायूस नजर आया वही मतदान प्रक्रिया टलने से सरपंच खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई।
विदित हो कि विकास खँड सीतापुर का ग्राम पंचायत भवराडाँड़ महिला सरपंच मगंती उंजन के विवादित कार्यशैली की वजह से काफी सुर्खियों में था।महिला सरपंच ने विकास कार्य के नाम पर मिट्टी मुरुम,सोखता गड्ढा शौचालय निर्माण समेत मूलभूत योजना एवं 14वॉ वित्त की राशि का जमकर बन्दरबाँट किया था।
महिला सरपंच ने फर्जी प्रस्ताव के जरिये सचिव से साँठगाँठ कर बिना काम कराये लाखो रुपये गबन कर लिया था जिसकी रिपोर्ट पँच एवं ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से करते हुए जाँच की माँग की थी।इस मामले में महिला सरपंच के विरुद्ध कोई कार्रवाई नही होने से पंचों में नाराजगी थी।
उन्होंने महिला सरपंच पर धांधली बरतने का आरोप लगा एसडीएम को ज्ञापन सौंप अविश्वास प्रस्ताव लाने की माँग की थी।जिस पर सुनवाई करते हुए एसडीएम द्वारा 13 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा एवं गुप्त मतदान की तिथि तय करते हुए सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थी।
इससे पहले की अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान हो पाता महिला सरपंच हाईकोर्ट से स्थगन आदेश ले आई जिसका पालन करते हुए अधिकारियों ने अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाला मतदान प्रक्रिया पर रोक लगा दिया।महिला सरपंच एवं सचिव की विवादित कार्यशैली को लेकर बागी तेवर अपनाने वाले 12 में से 9 पंच अविश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध जारी स्थगन आदेश से मायूस जरूर है पर उनके तेवर ढीले नही पड़े है।
उन्होंने महिला सरपंच की गलत नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि वो आगे भी ग्राम पंचायत में होने वाले भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपना मुहिम जारी रखेंगे और न्याय के लिए न्यायालय जाने की जरूरत पड़ी तो वहाँ भी जायेंगे।