Guru Ghasidas Jayanti, Surguja, Chhattisgarh: सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास के जन्म जयंती पर जिला स्तरीय अस्पृश्यता निवारण सदभावना शिविर का आयोजन किया गया। लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित इस शिविर का शुभारंभ गुरु घासीदास के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में सहायक आयुक्त अजाक ललित शुक्ला ने स्वागत भाषण के साथ संविधान के प्रस्तावना का वाचन किया। इसके बाद अस्पृश्यता एक सामाजिक कलंक है इस पर स्कूली बच्चों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से संदेश दिया। इस दौरान स्कूली बच्चों ने अन्य रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। अंत मे शिविर को भाजपा नेता राजकुमार गुप्ता एवं रोशन गुप्ता समेत हीरालाल चौधरी रघुवीर सूर्यवंशी एवं राजन सूर्यवंशी ने संबोधित करते हुए सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास के जीवनी पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि बाबा गुरु घासीदास मनखे मनखे एक समान का नारा सभी समाज के लिए दिया था। जिसमे सभी मानव समाज बराबर है, कही कोई ऊँच नीच का भेदभाव नहीं हो। इसके अलावा शिविर में अस्पृश्यता एक सामाजिक कलंक है विषय पर भी व्याख्यान दिया। इसके अलावा बाहर से आये अन्य वक्ताओं ने भी शिविर को संबोधित करते हुए बाबा गुरु घासीदास के जीवनी पर प्रकाश डाला।
इस दौरान शिविर में आयोजित वाद विवाद प्रतियोगिता में लखनपुर के चमन सिंह पोर्ते प्रथम, निबंध प्रतियोगिता में गोविंद सिंह लखनपुर प्रथम, भाषण में चंदन राजवाड़े लखनपुर प्रथम एवं बालक वर्ग क्विज में अतुल अश्विन पेटला प्रथम एवं बालिका वर्ग में संध्या सोनिया गुतुरमा ने प्रथम स्थान हासिल किया। कार्यक्रम का संचालन सुशील मिश्रा एवं आभार प्रदर्शन मंडल संयोजक सत्यप्रकाश चौधरी ने किया। इस अवसर पर पार्षद रूपेश गुप्ता, नीरू मिस्त्री समेत अन्य अतिथिगण मंच पर मौजूद थे।
औपचारिक बनकर रह गया जिला स्तरीय अस्पृश्यता निवारण सदभावना शिविर
बाबा गुरु घासीदास जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला जिला स्तरीय अस्पृश्यता निवारण सदभावना शिविर महज औपचारिक बनकर रह गया। लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित यह शिविर मंडल संयोजक सत्यप्रकाश चौधरी की उदासीनता की भेंट चढ़ कर रह गई। इस शिविर में सभी वर्गों के लोगो को बुलाया जाना था। ताकि अस्पृश्यता एक सामाजिक कलंक है विषय पर सभी वर्गों का पक्ष सुना जा सके। किंतु मंडल संयोजक की लापरवाही के कारण लोगो की उपस्थिति शिविर में नही के बराबर थी।
कार्यक्रम स्थल पर लगभग कुर्सियां खाली पड़ी हुई थी। वो तो गनीमत रही कि हॉस्टल के छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम की नाक कटने से बचा ली। उनकी उपस्थिति की वजह से कार्यक्रम में थोड़ी बहुत भीड़भाड़ नजर आ रही थी। अगर बच्चों को छोड़ दिया जाए तो इस जिला स्तरीय शिविर में सर्व सामाज के लोगों की भीड़ बिल्कुल नहीं थी। इसका मुख्य वजह मंडल संयोजक द्वारा प्रचार प्रसार में कोताही बरतना था। जिसकी वजह से बाबा गुरु घासीदास के जन्म जयंती अवसर पर मनाया जाने वाला जिला स्तरीय अस्पृश्यता निवारण सद्भावना शिविर महज औपचारिक बनकर रह गया।
(सीतापुर से अनिल उपाध्याय की रिपोर्ट)